उस सुख का त्याग कर देना चाहिए, जो किसी के दुःख का कारण बनता है: लाला शास्त्री

- श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करते श्रद्धालू
देवबंद [24CN]: दिशा सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन देवबंद के तत्वावधान में शिक्षक नगर स्थित धर्मशाला में चल रही श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिन कथावाचक ने बताया कि मानव को भागवत का श्रवण क्यूँ करना चाहिए तथा इसके श्रवण से क्या फल मिलता है तथा भागवत कथा की शुरूआत कैसे हुई। श्रद्धालूओं को भागवत कथा श्रवण करने के लाभो के बारे में बताते हुए कहा कि जिस प्रकार पत्थर पर एक बार हथोडे से प्रहार करने से पत्थर नही टूटता परंतु बार-बार प्रहार करने से पत्थर टूट जाता है उसी प्रकार एक बार की बजाय बार-बार भागवत सुनने से भगवान से मिलन हो जाता है। श्रीमद भागवत कथा सुनने से सभी दोषों और पापो का निराकरण होता है तथा सभी-सभी तीर्थो की परिक्रमा का फल मिलता है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा हम सबको भागवत कथा को सुनकर उसको अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
सुखदेव जन्म वर्णन सुनाते हुए कहा कि उस सुख का त्याग कर देना चाहिए, जो किसी के दुःख का कारण बनता है। भागवत कथा के प्रथम दिन के यजमान सूर्य प्रताप एडवोकेट सपत्नीक रहे। इस दौरान राजेंद्र शर्मा, बिजेंद्र गुप्ता, सविता गुप्ता, शुभलेश शर्मा, ललिता प्रजापति, सुनीता देवी, मुनेश त्यागी, मंजू पंवार, रचना देवी, रेखा, राजरानी, सविता देवी, ममता, सोनिया, नीरज सैनी, पियूष, ओम सैनी आदि उपस्थित रहे।