इन छह रूटों पर 300 किमी की रफ्तार से चलेगी ट्रेन, नोएडा से वाराणसी के बीच भी बनेगा नया कॉरिडोर

इन छह रूटों पर 300 किमी की रफ्तार से चलेगी ट्रेन, नोएडा से वाराणसी के बीच भी बनेगा नया कॉरिडोर
भारतीय रेलवे ने छह ऐसे रूट निकाले हैं, जिन पर 300 किमी की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकती हैं। इसके लिए रेलवे एक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) एक साल के अंदर पेश करेगी। इन नए रूट में दिल्ली से नोएडा होते हुए वाराणसी का रेलवे रूट भी शामिल है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बजट पूर्व चर्चा में बुधवार को कहा कि इनमें से कुछ रूट मुबई-अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित हाई स्पीड कॉरिडोर का भी हिस्सा बनेंगे।

सेमी-हाई स्पीड रूट पर होगी 160 से ज्यादा की रफ्तार

वीके यादव ने कहा कि रेलवे हाई स्पीड के अलावा सेमी हाईस्पीड कॉरिडोर का भी निर्माण करेगी, जिस पर 160 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी। यादव ने कहा कि जो छह नए हाईस्पीड कॉरिडोर चुने गए हैं, उनमें दिल्ली-नोएडा-आगरा-लखनऊ-वाराणसी (865 किलोमीटर), दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद (886 किलोमीटर), मुंबई-नाशिक-नागपुर (753किमी), मुंबई-पुणे-हैदराबाद (711 किमी), चेन्नई-बंगलूरू-मैसरू (865 किमी) और दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-जालंधर, अमृतसर (459 किमी) जैसे रूट शामिल हैं।

यादव ने कहा कि डीपीआर के बाद रेलवे यह तय करेगी कि उसको हाई स्पीड या फिर सेमी हाई स्पीड कॉरिडोर में रखा जाएगा। इस डीपीआर में रेलवे भूमि की उपलब्धता, अलाइनमेंट और ट्रैफिक की संभावनाओं पर विचार करेगी ताकि इसकी लागत निकल सके। यादव ने कहा कि बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। इसके लिए 90 फीसदी भूमि अधिग्रहण का कार्य अगले छह माह में पूरा हो जाएगा।

वीके यादव ने कहा कि उनको बुलेट ट्रेन के लिए 1380 हेक्टेयर जमीन चाहिए, जिसमें से 1005 हेक्टेयर जमीन निजी क्षेत्र में है। इसमें से 471 हेक्टेयर का अधिग्रहण हो चुका है। 149 हेक्टेयर जमीन राज्य सरकार की है, जिसमें से 119 हेक्टेयर अधिग्रहीत हो चुकी है। रेलवे की 128 हेक्टेयर जमीन भी इस प्रोजेक्ट के लिए दी जाएगी।