भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य श्री ने रामनाम की महिमा का बखान किया

- फोटो कथा मे उपस्थित श्रोता व आचार्य
नकुड। नगर मे महादेव मंदिर मे चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य भगतवी प्रसाद शुक्ल ने राम नाम की महिमा का बखान किया। साथ ही भगवान ऋषभदेव की कथा का विस्तार से वर्णन किया।
यंहा श्री राधे गोविंद सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री मद भागवत कथा मे आचार्य भगवती प्रसाद शुक्ल ने कहा कि राम नाम भगवान राम के जन्म से ही शुरू नहंी हुआ । यह भगवान विष्णु के सहस्त्र नाम मे से एक है। इसलिये राम नाम सृष्टि के आरंभ से भी पहले से मौजूद है। इस नाम के जप से मुनष्य भव बंधन से पार हो जाता है। उन्होंने भगवान ऋषभदेव की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि उन्होंने जैन धर्म की स्थापना कर समाज को परमहसं का ज्ञान प्रदान कि या।
मन मे विभिन्न कामनाओ का त्याग करना ही परमहंस है। कहा कि जो हाथ से छूट जाये वह त्याग है ओर जो मन से छूट जाये वह वैराग्य है। उन्होंने कहा कि संत के पीछे भगवान चलते है। जबकि साधू के आगे भगवान चलते है। संत अपने गुणो से संत कहलाता है। उन्होंने वत्रासुर की कथा का भी वर्णन किया।
इस मौके पर कथा के यजमान विनीत भार्गव रहे । समिति के महामंत्री पकंज जैन, व विजय त्यागी ने बताया कि चौथे दिन की कथा मे भगवान कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन होगा। इस मौकेपर डा0 वेदप्रकाश सैनी, डा0 राजकुमार प्रजापति, अरूण च धरी, आलोक जैन, रजनीश अग्रवाल, मनोज गोयल, मनोज धीमान, दीपक गोयल, राजन शर्मा, विनीत शर्मा, नवदीप मित्तल, सचिन शर्मा, ऋषिपाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।
नकुड़ से इंद्रेश त्यागी की रिपोर्ट