नकुड मे चल रही रामलीला मे कुंभकरण वध मंचन पर दर्शको ने श्री राम के जयकारे लगाये

- रामलीला मे श्रीराम कंुभकरण युद्ध का दृश्य
नकुड [इंद्रेश]। नगर मे चल रही रामलीला के कलाकारो ने कुंभकरण वध के प्रसंग को सजीव मंचन किया।
संजीवनी बूटी के प्रयोग से लक्ष्मण की मूर्छा टूटने के बाद रावण ने अपने भाई महाबली कुंभकरण को जगाया। लंकेश ने कुंभकरण को लंका युद्ध की जानकारी देते हुए युद्ध के लिये कूच करने का आदेश दिया। कुभकरण समझ गया कि रावण के उपर काल मंडरा रहा है। कुंभकरण युद्ध मे पंहुचा तो विभिषण ने अपने बडे भाई को बताया कैसे रावण ने अधर्म करके सीता का हरण किया है। कुंभकरण ने विभिषण की प्रंशसा कर कहा कि तुमने राम की शरण लेकर अच्छा किया है । परंतु अब मेरे सिर पर काल मंडरा रहा है। मुझे अपने पराये मे अंतर का पता नंही है । इसलिये वह मेरी नजरो से दूर हो जाये।
राम व कुंभकरण युद्ध में श्री राम ने कंुभकरण का वध कर दिया तो रासक्ष सेना मे खलबली मच गयी। वानर सेना श्री राम के जयकारे लगाने लगी। दर्शको की अच्छी खासी संख्या रामलीला की लोकप्रियता बताने के लिये काफी है। अब रामलीला अपने अंतिम पडाव पर है। अगले दो दिनो मे रामलीलामहोत्सव संमन्न हो जायेगा।