SIR के खिलाफ विपक्ष के मार्च पर BJP का तंज, धर्मेंद्र प्रधान बोले- घुसपैठियों को मतदाता बनाकर वो राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं

SIR के खिलाफ विपक्ष के मार्च पर BJP का तंज, धर्मेंद्र प्रधान बोले- घुसपैठियों को मतदाता बनाकर वो राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं

बिहार में चल रहे और अन्य राज्यों में प्रस्तावित मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के बीच राहुल गांधी सहित कई नेताओं और सांसदों को हिरासत में लिया गया। सोशल मीडिया पर वीडियो में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को बैरिकेड्स कूदते हुए दिखाया गया, जबकि अन्य विपक्षी नेता संसद भवन से निर्वाचन सदन तक अपना मार्च जारी रखे हुए थे। विपक्ष के चुनाव आयोग मार्च पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार किया है।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि INDI गठबंधन के लोग, विशेषकर कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी, जो आए दिन संविधान की दुहाई देते हैं। इन दिनों देश देख रहा है कि सबसे ज्यादा संविधान विरोधी काम अगर कोई कर रहा है, तो उसके सरगना भी राहुल गांधी ही हैं। उन्होंने कहा कि एसआईआर, चुनाव आयोग, चुनाव की प्रक्रिया आज दुनिया में सिद्ध व्यवस्था बन चुकी है। एसआईआर पहली बार नहीं हो रहा है। हर राज्य में, राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव आयोग की एक नियमित प्रक्रिया है कि मतदाता सूची को व्यवस्थित करने के लिए वो लगातार काम करता है।

भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले EVM पर झूठ बोलती है, कभी महाराष्ट्र की उठाते हैं, कभी हरियाणा की बात उठाते हैं, वो हर रोज झूठ का एक नया पहाड़ बनाते हैं। 2014, 2019 और 2024 में और उनके बीच अनेक राज्यों में निरंतर पराजय के कारण कांग्रेस पार्टी एक दिवालियापन की स्थिति में पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले 2-3 दिनों में जो वाद-विवाद हुआ, उसपर भारतीय मीडिया ने तथ्यों की जांच करके राहुल गांधी के हर एक झूठ का प्रमाण के आधार पर बेनकाब किया है। कांग्रेस और विपक्ष के पास केवल वोटबैंक की राजनीति ही बची है। घुसपैठियों को मतदाता बनाकर वो अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि चुनाव आयोग ने एक संवैधानिक और निष्पक्ष व्यवस्था होने के नाते जब इनको सही बात बताई, तो ये चुनाव आयोग को भी ध्वस्त करने के लिए कहते हैं। ये कहते हैं कि हम एटम बम गिराएंगे, चुनाव आयोग बिखर जाएगा। आज विपक्ष के नेता जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वही भाषा देश को बांटने की साजिशों को बढ़ावा देती है।


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