इंदौर। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ को लेकर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी के बाद विवाद बढ़ गया है। अब इस विवाद पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोमवार को कहा कि वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कुछ सियासी दलों की ओर से ऐसे बयान दिए जाते हैं।
बिहार के शिक्षा मंत्री का बयान
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 11 जनवरी को कहा था कि मध्ययुगीन संत गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित रामायण का लोकप्रिय संस्करण ‘रामचरितमानस’ और कुछ अन्य रचनाएं ‘समाज में नफरत को बढ़ावा देती हैं।’ उन्होंने “रामचरितमानस के सभी छंदों को हटाने” का आह्वान किया था।
सुभाष सरकार ने चंद्रशेखर पर किया पलटवार
सुभाष सरकार ने चंद्रशेखर के बयान पर कहा, ‘‘देखिए, यह सब वोट (बैंक) और तुष्टिकरण की राजनीति के कारण होता है। कुछ राजनीतिक दल सोचते हैं कि वे अल्पसंख्यकों के वोट कैसे हासिल कर सकते हैं, लेकिन यह सब करने से क्या उन्हें अल्पसंख्यकों के वोट मिलेंगे?’’ उन्होंने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक भी समझते हैं कि आजकल विकास की राजनीति, सबसे अच्छी राजनीति है। जो (दल) विकास करेगा, उसके साथ सब लोग रहेंगे।’’
सरकार, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने आए थे। उच्च शिक्षा जगत के मुद्दों पर केंद्रित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में देश भर के कई विद्वान शामिल हो रहे हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का तेजी से हो रहा क्रियान्वयन
मीडिया से बातचीत के दौरान शिक्षा राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है और इस नीति का क्रियान्वयन देश भर में तेज हो गया है। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य में विद्यालयीन शिक्षा और उच्च शिक्षा, दोनों क्षेत्रों में इस नीति को बहुत अच्छे तरीके से अमली जामा पहनाया गया है।
भारत के पास सबसे ज्यादा युवा शक्ति होगी
सरकार ने कहा कि अगले कुछ सालों में भारत के पास दुनिया भर में सबसे ज्यादा युवा शक्ति होगी और देश विश्व को कुशल पेशेवर मुहैया कराएगा। शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि केवल किताबी ज्ञान लेना ही शिक्षा हासिल करना नहीं है, इसलिए देश के शिक्षा संस्थानों में युवाओं को कौशलसंपन्न बनाने पर खास जोर दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार शोध और अनुसंधान को देश के समाज व उद्योगों की जरूरतों के मुताबिक ढाल रही है।