PM मोदी के बयान पर अखिलेश ने पूछा-‘क्या BLO की मौतें भी ड्रामा’, चिराग बोले- ‘सदन चलाना सभी की जिम्मेदारी’
संसद में शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले मोदी ने विपक्ष से सदन के संचालन में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र में सदन को पराजय का मैदान नहीं बनने देना है और विजय का अहंकार भी नहीं बनने देना है। पीएम मोदी के बयान पर सरकार में शामिल नेताओं ने कहा कि सदन चलाना सभी नेताओं की संयुक्ति जिम्मेदारी है। वहीं, विपक्ष के नेताओं ने कहा कि वह आम जनता के मुद्दे उठा रहे हैं, जिन पर चर्चा जरूरी है।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में हमें सदन में अपने मुद्दे रखने हैं। विपक्ष अपना दायित्व निभाएं, ऐसे मजबूत मुद्दे उठाए। पराजय की निराशा से बाहर आए। कुछ दल पराजय ही नहीं पचा पा रहे। यह सत्र राष्ट्र को प्रगति की ओर ले जाने के प्रयासों में ऊर्जा भरने का काम करेगा। इसे हार की भड़ास निकालने का जरिया नहीं बनाया जाना चाहिए। सदन में जो पहली बार चुन के आए हैं या जो छोटी आयु के हैं, ऐसे सभी दलों के सांसद बहुत परेशान हैं, दुखी हैं। उन्हें अपने सामर्थ्य का परिचय कराने का अवसर नहीं मिल रहा है, अपने क्षेत्र की समस्या बताने का अवसर नहीं मिल रहा है, कोई भी दल हो हमें किसी को भी हमारी नई पीढ़ी के नौजवान सांसदों को अवसर देना चाहिए। उनके अनुभवों का सदन को लाभ मिलना चाहिए। विपक्ष अपनी बात जनता तक नहीं पहुंचा पा रहा है और जरूरत हो तो वह इसमें विपक्षी नेताओं को टिप्स दे सकते हैं।
विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “चुनाव की स्थिति, सर, और प्रदूषण बहुत बड़े मुद्दे हैं। आइए उन पर चर्चा करें। पार्लियामेंट किस लिए है? यह ड्रामा नहीं है। मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा का मतलब है जनता के लिए ज़रूरी मुद्दों पर डेमोक्रेटिक चर्चा की इजाज़त न देना।”
आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, “अगर पीएम ने यहां ऐसी कोई बात कही है, तो उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए। मतलब, विपक्ष हार की फ्रस्ट्रेशन में है, और उनमें ऐसी कौन सी फ्रस्ट्रेशन है कि वे मुख्य चुनावी मुद्दों पर लड़ने के बजाय ‘कट्टा, मंगलसूत्र, भैंस और मुजरा’ पर लड़ रहे हैं? क्या यही प्रधानमंत्री की गरिमा है?”
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा, “क्या ‘ड्रामामास्टर’ हमें सिखाएंगे? हमें उनसे सीखना होगा कि ड्रामा कब और कैसे करना है। हमें यह नहीं पता क्योंकि हम दिल से काम करते हैं और बहुत जमीन से जुड़े हुए हैं। वह अब साइकोलॉजिस्ट, कंसल्टेंट बन गए हैं, एक और क्वालिफिकेशन जोड़ ली है।”
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “पीएम मोदी देश के लोगों पर ऐसी कौन सी जड़ी-बूटी डालते हैं कि वे एंटी-इनकंबेंसी को हराकर चुनावों में और मजबूत होकर उभर रहे हैं। यह ईवीएम और इलेक्शन कमीशन का चमत्कार है और हम इस पर चर्चा चाहते हैं। वे हमारे नोटिस क्यों नहीं ले रहे हैं? हम चर्चा के लिए तैयार हैं।”
विपक्ष पर पीएम मोदी के “ड्रामा नहीं डिलीवरी” वाले तंज पर समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, “एसआईआर को ईमानदारी से करना चाहिए। क्या बीएलओ की मौतें भी ड्रामा हैं?”
एनडीए के नेताओं की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “एसआईआर के एक मुद्दे पर विपक्ष ने पार्लियामेंट का पूरा सेशन बर्बाद कर दिया। विपक्षी नेताओं के बयानों को देखते हुए, इस बार भी ऐसी ही चीजों की उम्मीद है। ऐसी चीजें पहली बार सांसद बने लोगों पर असर डालती हैं, जो सच में अपने चुनाव क्षेत्र के लिए काम करना चाहते हैं और सदन में मुद्दे उठाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री की चिंता जायज है क्योंकि हमारे पास अपने लोगों और देश के लिए काम करने के लिए सिर्फ ये 5 साल हैं। लेकिन जब आपसे वह मौका छीन लिया जाता है, तो यह चिंता की बात है। एक हेल्दी पार्लियामेंट सेशन सबकी जिम्मेदारी है। सरकार विपक्ष के उठाए हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। साथ ही, यह विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वह डेकोरम बनाए रखे और सदन को चलने दे।”
बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा, “बिहार से 65 लाख बोगस वोटर्स हटा दिए गए हैं। और ये आतंकवादी चेहरे, रोहिंग्या, बांग्लादेशी, पाकिस्तानी हो सकते हैं। यह देश के हित में नहीं है। यह देश के लिए एक सेंसिटिव मुद्दा है। सभी विपक्षी पार्टियों को इसका सपोर्ट करना चाहिए, और अगर आपको समझ नहीं आता है, तो कृपया प्रधानमंत्री के साथ आधे घंटे की क्लास लें। हम सबने ली। यह मंगलवार को होता है और इसने हमारी जिंदगी बदल दी है। हार से निराश न हों।”
बीजेपी सांसद अरुण भारती ने कहा, “पीएम ने बिल्कुल सही कहा है क्योंकि जनता की उम्मीद है कि पार्लियामेंट चलेगी और पॉलिसी बनेंगी। मुख्य बात यह है कि अपोजिशन पार्लियामेंट चलाने में सहयोग करे और देश के हित में पॉलिसी बने।”
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, “हंगामा प्लान करके हो रहा है। जनता देख रही है कि जहां देश के लिए चर्चा होनी चाहिए, नीतियां बननी चाहिए, वहां वे (विपक्ष) हंगामा कर रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी टीम के डायरेक्टर नहीं हैं। टीम के डायरेक्टर ‘युवराज’ हैं। ये लोग एक्टर हैं। इन लोगों की वजह से देश को भी शर्मिंदगी महसूस हो रही है। वे (विपक्ष) सलाह भी नहीं सुनेंगे और इतने जिद्दी हैं कि हार नहीं मानेंगे।”
