नई दिल्ली। इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआइसी) की बैठक में पाकिस्तान द्वारा हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन को आमंत्रित किए जाने पर भारत ने कड़ी नाराजगी जताई है। भारत ने कहा, हम ओआइसी से उम्मीद करते हैं कि वह भारत-विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद में संलिप्त रहने वाले व्यक्तियों और संगठनों को प्रोत्साहित नहीं करे। अगले सप्ताह इस्लामाबाद में होने वाली ओआइसी की बैठक में भाग लेने के लिए हुर्रियत चेयरमैन को आमंत्रित किया गया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि हम इस तरह की गतिविधियों को बहुत गंभीरता से लेते हैं, जो देश की एकता को नष्ट करने का प्रयास है और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती हैं।

राजनीतिक एजेंडे के अनुसार काम कर रहा आआइसी

बागची ने पाकिस्तान के परोक्ष संदर्भ में कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ओआइसी विकास संबंधी महत्वपूर्ण गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अपने एक सदस्य के राजनीतिक एजेंडे के अनुसार काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, हमने बार-बार ओआइसी से कहा है कि वह भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने के लिए निहित स्वार्थी तत्वों को अपने मंच का इस्तेमाल करने की इजाजत देने से बचे।

बागची से उन खबरों के बारे में पूछा गया था, जिसमें ओआइसी द्वारा आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस को 22 एवं 23 मार्च को इस्लामाबाद में होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

भारत अपनी अधिकांश तेल आवश्यकताओं को करता है आयात

वहीं, दूसरी ओर यूक्रेन संकट पर विदेश मंत्रालय से जब पूछा गया कि क्या भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि भारत अपनी अधिकांश तेल आवश्यकताओं का आयात करता है। इसलिए हम अपनी तेल आवश्यकताओं के आयात की स्थिति के कारण वैश्विक ऊर्जा बाजारों में हमेशा सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि रूस एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है।