आगामी 21 नवम्बर को दिल्ली में मठ मंदिर मुक्ति अभियान को गति देंगे साधू-संत

- सहारनपुर में पत्रकारों से वार्ता करते महामंडलेश्वर कमल किशोर व महंत स्वामी रामदेव।
सहारनपुर। सिद्धयोग मठ अखाड़े के महामंडलेश्वर संत कमल किशोर व पंचतीर्थी आश्रम के मुख्य महंत स्वामी रामदेव ने कहा कि देश की विभिन्न राज्य सरकारों ने लगभग चार लाख मंदिरों पर अवैध कब्जा किया हुआ है। उन्होंने कहा कि आगामी 21 नवम्बर को दिल्ली की सिद्धपीठ कालकाजी मंदिर में काली का पीठाधीश्वर व विश्व हिंदू महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्रनाथ अवधूत व सिद्धयोग मठ अखाड़े के आचार्य मंडलेश्वर 1008 बाल योगी अलखनाथ के मार्गदर्शन में मठ मंदिर मुक्ति अभियान को गति देने का काम किया जाएगा।
महामंडलेश्वर संत कमल किशोर व स्वामी रामदेव आज यहां दिल्ली रोड स्थित एक सभागार में पत्रकारों के साथ वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के चिदम्बरम के नटराज मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने वाले आदेश में कहा था कि मंदिरों का संचालन और व्यवस्था भक्तों का काम है, सरकार का नहीं। उन्होंने बताया कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर के अधिकार वाले केश में जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि मंदिरों में भक्तों द्वारा चढ़ाए गए धन को ये सरकारें मनमाने तरीके से खर्च करती हैं, जबकि एक भी चर्च या मस्जिद पर राज्य का नियंत्रण नहीं है। सनातन/हिंदू धर्म के अनुसार सभी समुदाय अपने-अपने धर्मस्थलों का संचालन करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं। इसी के चलते हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ उनका आर्थिक शोषणा भी करती हैं। यदि सरकारें मंदिर को पब्लिक की सम्पत्ति समझती हैं तो मंदिर के पुजारियों को वेतन क्यों नहीं देती। यदि मस्जिदें मुसलमानों की निजी सम्पत्ति है तो सरकार मौलवियों को वेतन क्यों देती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने निर्णय में साफ कर दिया है कि राज्य सरकारें मंदिरों का प्रबंधन हिंदुओं को सौंप दें क्योंकि सरकारों का काम मंदिर चलाना नहीं है।
उन्होंने बताया कि आगामी 21 नवम्बर को दिल्ली की सिद्धपीठ कालकाजी मंदिर के प्रांगण में इस अन्याय के खिलाफ पूरे देश के साधू-संत, महंत, पंडित, मठाधीश, पीठाधीश, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, संन्यासी, धार्मिक न्यासों से जुड़े लोग और सनातन धर्म के मुखिया मठ-मंदिर मुक्ति अभियान को गति देने का काम करेंगे। वार्ता के दौरान शून्य फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. हर्ष, हिमांशु जैन भी मौजूद रहे।
