नई दिल्ली : आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल के मुखिया ओमप्रकाश चौटाला की सजा पर बहस शुरू हो गई है। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि ओम प्रकाश चौटाला 90 फीसद दिव्यांग हैं। बिना दूसरे की मदद के वह कपड़े भी नहीं पहन सकते। उन्हे जेल भेज कर क्या मिलेगा। मामले को 20 साल बीत चुके हैं और इस दौरान ओमप्रकाश चौटाला ने हमेशा जांच में सहयोग किया है।

वकील ने यह भी कहा कि अदालत को यह देखना चाहिए कि क्या आरोपित में सुधार की गुंजाइश है। अब रेफॉर्मटिव जस्टिस का समय है। वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि ओम प्रकाश चौटाला को कम से कम सजा दी जाए। इस केस में अधिकतम 7 साल की सजा है। कोर्ट मिनिमम सजा दे।

वहीं, इस पर सीबीआइ की ओर से ओम प्रकाश चौटाला की तरफ से पेश दलीलों का विरोध किया गया। सीबीआइ के वकील ने कहा कि खराब सेहत का हवाला देकर सजा में राहत नहीं मांग सकते। यह एक नेता के खिलाफ मुकदमा है जो बहुत बड़ी संख्या के लोगो का प्रतिनिधित्व करते हैं। अब इस पर मूवी बन रही है। सीबीआइ के वकील ने कहा कि कोर्ट कानून के मुताबिक सजा दे। केवल आरोपित में सुधार को आधार नहीं बनाया जा सकता है।

बता दें कि दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट आय से अधिक संपत्ति में दोषी ठहराए जाने के बाद ओमप्रकाश चौटाला को सजा सुनाएगी। ओमप्रकाश चौटाला कोर्ट पहुंच चुके हैं।

एमपी-एमएलए की विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश विकास ढल आज दस बजे सजा पर सुनवाई करेंगे और इसके बाद निर्णय सुनाया जाएगा। अदालत ने 21 मई को 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति से जुड़े मामले में चौटाला को दोषी करार दिया था।इस दौरान चौटाला भी कोर्ट में मौजूद थे। शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में दो जुलाई 2021 सजा काट कर आए बाहर आए चौटाला की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं और एक बार फिर उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।

मामले में 29 अप्रैल को दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलील अदालत के समक्ष पेश की थी।मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने 26 मार्च 2010 को चौटाला के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।

एजेंसी ने आरोप लगाया था कि वर्ष 1993 और 2006 के बीच सात बार के विधायक रहे चौटाला ने 6.09 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक थी। हालांकि, बचाव पक्ष ने मामले को राजनीतिक दुर्भावना के तहत दर्ज केस के रूप में खारिज कर दिया था।

वर्ष 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत नई दिल्ली, पंचकुला और सिरसा में उनके फ्लैट और भूखंडों सहित 3.68 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी और मुकदमा दर्ज किया था। सजा पूरी होने के एक साल के अंदर ही दूसरे मामले में चौटाला दोषी करार

ओम प्रकाश चौटाला को वर्ष 2013 के जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया था। उन्हें सात साल की जेल और आपराधिक साजिश के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई गई थी।चौटाला इस मामले में दाे जुलाई 2021 को ही तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं।