पुराने छात्रों को संस्था में नहीं मिलेगी खाने और रहने की सुविधा: दारुल उलूम

देवबंद में इस्लामी तालीम के सबसे बड़े मरकज दारुल उलूम की ओर से छात्रों के लिए एलान जारी किया गया है। जिसमें साफ कहा गया है कि छात्र संस्था में न आएं, यदि कोई यहां पहुंचता है तो उसे खाने और रहने की सुविधा नहीं दी जाएगी।

बुधवार को संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी की ओर से चस्पा कराए गए एलान में कहा गया है कि वैश्विक महामारी के चलते सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कराया हुआ है। साथ ही किसी भी प्रकार की गतिविधियों की अनुमति भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार की इजाजत मिलने के बाद ही दारुल उलूम को खोला जाएगा और उसमें तालीमी सिलसिला शुरु होगा। इसलिए सभी छात्रों (पुराने) से यह आह्वान है कि जब तक सरकार शैक्षिक संस्थानों को खोलने का आदेश नहीं देती तब तक छात्र देवबंद न आएं। साथ ही मोहतमिम ने यह भी कहा कि यदि कोई छात्र बिना वजह सफर तय कर देवबंद पहुंचता है तो उसे संस्था में रहने और खाने की सहूलियत नहीं दी जाएगी

बता दें कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से दारुल उलूम के दरवाजे बंद हैं। देश के कोने कोने से यहां तालीम हासिल करने आए छात्र पहले ही अपने घरों को वापस जा चुके हैं। संस्था में ऐसी जानकारी मिल रही थी कि आवागमन शुरु होने का लाभ उठाकर पुराने छात्र देवबंद आने का मन बना रहे हैं। इसी के मद्देनजर दारुल उलूम ने यह एलान जारी किया है।

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