नायब सैनी की मुख्यमंत्री दावेदारी में अड़चन, इंद्रजीत और अनिल विज ने बढ़ाई चुनौती, अमित शाह आएंगे हरियाणा

नायब सैनी की मुख्यमंत्री दावेदारी में अड़चन, इंद्रजीत और अनिल विज ने बढ़ाई चुनौती, अमित शाह आएंगे हरियाणा

चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा के भीतर चल रही सत्ता संघर्ष की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राज्य का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। अमित शाह को हरियाणा का पर्यवेक्षक बनाना इस बात का संकेत है कि पार्टी के अंदरूनी हालात ठीक नहीं चल रहे हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए पहले से घोषित नायब सैनी की राह में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की दावेदारी ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

अमित शाह संभालेंगे हरियाणा की कमान

भाजपा विधायक दल का नेता 16 अक्टूबर को चुना जाएगा और 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह को इस चुनाव प्रक्रिया की देखरेख का जिम्मा सौंपा है। अमित शाह के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी हरियाणा का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

अनिल विज की दावेदारी से पैदा हुआ संकट

हालांकि चुनाव से पहले भाजपा ने नायब सैनी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था, लेकिन सातवीं बार अंबाला छावनी से विधायक चुने गए अनिल विज ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी। विज की दावेदारी ने भाजपा के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। पार्टी ने विज की दावेदारी को गंभीरता से लिया है, और इस वजह से अमित शाह की मौजूदगी में ही निर्णय लिया जाएगा।

राव इंद्रजीत की बढ़ती सक्रियता

दूसरी ओर, राव इंद्रजीत सिंह भी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी ठोक रहे हैं। अहीरवाल क्षेत्र में राव इंद्रजीत का बड़ा प्रभाव है, और उनकी बेटी आरती राव भी अटेली से विधायक चुनी गई हैं। राव ने इस चुनाव में अहीरवाल की 11 में से 10 सीटें जीतने में अहम भूमिका निभाई है, और उनकी दावेदारी इस क्षेत्र के विधायकों के समर्थन पर टिकी है। राव ने अपने समर्थक 9 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री पद पर दावा जताया है।

शाह की उपस्थिति से बंधी उम्मीद

राज्य की राजनीति के इस पेचीदा हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर अमित शाह को भेजा गया है। पार्टी हाईकमान को आशंका है कि विज और इंद्रजीत के समर्थक विधायक भाजपा विधायक दल की बैठक में समस्या खड़ी कर सकते हैं, जिन्हें केवल अमित शाह की मौजूदगी से नियंत्रित किया जा सकता है। अमित शाह की सख्त रणनीति के कारण माना जा रहा है कि किसी भी प्रकार का विरोध शांतिपूर्ण ढंग से काबू कर लिया जाएगा।

नायब सैनी की मुख्यमंत्री की राह

भाजपा का लक्ष्य है कि अमित शाह की मौजूदगी में नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना जाए और 17 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लें। पार्टी ने यह सुनिश्चित करने के लिए अमित शाह को हरियाणा भेजा है कि कोई विवाद उत्पन्न न हो और नायब सैनी निर्विरोध मुख्यमंत्री बन सकें।

अमित शाह की इस विशेष भूमिका को देखते हुए हरियाणा की राजनीति में चल रही तनातनी का समाधान निकट भविष्य में होना तय है।


विडियों समाचार