नकुड के उपनिबंधक कार्यालय से अंगष्ठछाप रजिस्टर गायब, बड़े षड्यंत्र की आशंका

नकुड के उपनिबंधक कार्यालय से अंगष्ठछाप रजिस्टर गायब, बड़े षड्यंत्र की आशंका

प्रभारी उपनिबंधकर ने दर्ज करायी रिपोर्ट

नकुड [इंद्रेश]। नकुड के उपनिबंधक कार्यालय से चार वर्ष पूर्व का अंगुठे की छाप वाला रजिस्टर गायब है। चार वर्ष तक विभाग के अधिकारियों ने मामला दबाये रखा। कार्यालय का ओडिट होने के बाद भी बीस दिनों तक कोई कार्रवाई नही की गयी। अधिकारियों का दबाव बना तो कार्यालय की रिकार्ड गायब करने के आरोप में थाने मे रिपोर्ट दर्ज करायी गयी।

कार्यालय के प्रभारी उपनिबंधक सुरजीत सिंह ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा कि कार्यालय में वर्ष 2015 का अंगुठे की छाप वाला रजिस्टर गायब है। विगत 21 सितबंर को कार्यलय के निरिक्षण के दौरान यह मामला सामने आया। इसलिये मामले की जांच कर कानुनी कार्रवाई की जाये। गौरतलब है कि उपनिबंधक कार्यालय के अंगुठे की छाप वाले रजिस्टर में बैनामों के विक्रेता व क्रेता के अलावा दस्तावेजो के गवाहों के अंगुठों की छाप ली जाती थी। जो बैनामों के सत्यापन का महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। एक वर्ष में हजारों दस्तावेज संपन्न हुए होंगे। जिनके क्रेता विक्रता के अलावा गवाहो के अंगुठो की छाप इस रजिस्टर में होगी। ऐसे में इस अवधि में हुए रजिस्टरी में संपन्न हुए बैनामों की वैधता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

कही जानबूझकर गायब तो नही किया गया रजिस्टर

उधर सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि 2015 के रजिस्टर के गायब होने की जानकारी चार वर्षो से विभागीय व कार्यालय के अधिकारियों को क्यों नही लगी। कंही कार्यालय के अधिकारी या कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध तो नही है। इसके अलावा सवाल यह भी है कि क्या किसी दस्तावेज के सत्यापन को प्रभावित करने के लिये रजिस्टर को जानबूझकर गायब तो नंही किया गया। अभी ये तमाम सवाल अनुत्तरित है।

कहा जा रहा है कि विगत 21 सितबंर को कार्यालय का निरिक्षण किया गया। तब जाकर यह मामला प्रकाश मे आया। पंरतु विगत बीस दिनों तक भी पूरे प्रकरण को दबाकर क्यों रखा गया? ये सभी सवाल कार्यालय के अधिकारियो व कर्मचारियों की सत्यनिष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे है।

14 मई को टूटा था कार्यालय का ताला

गौरतलब है कि विगत 14 /15 मई की रात को इसी कार्यालय का ताला तोड दिया गया था। जिसकी लिखित सूचना भी थाना पुलिस को दी गयी थी। पंरतु उस समय विभागीय अधिकारियों ने दावा किया था कि कार्यालय से कुछ भी गायब नही हुआ है। कंही उसी दौरान तो रजिस्टर गायब करने के लिये तो ताला नही तोडा गया था। उधर कुछ लोग दबी जबान से कहते है कि पूरा मामला बडे षडयंत्र की ओर इशारा कर रहा है।

 


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