पोषण पखवाड़े में पूरी सजगत से कार्य को पूरा किया जाए: जिलाधिकारी

- सहारनपुर में पोषण पखवाड़े की तैयारियों की समीक्षा करते जिलाधिकारी।
सहारनपुर [24CN] । जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह ने कहा कि 31 मार्च तक चलने वाले पोषण पखवाड़े को पूरी सजगता और निर्धारित कैलेंडर के अनुसार कार्य को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि वीएचएसएनडी सत्रों में समुचित दवाईयों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सेम बच्चों के चिन्हिकरण के उपरांत ही बच्चों का समुचित प्रबंधन सुनिश्चित कराया जाए।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में पोषण पखवाड़े की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पोषण पखवाड़े के दौरान सभी बच्चों को अधिक से अधिक संख्या में संदर्भ किए जाने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने नानौता विकास खंड में पूरे वित्तीय वर्ष में मात्र एक बच्चे को ही संदर्भित किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बधिंत को स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपनी कार्य संस्कृति में बदलाव लाए और पूरी निष्ठा के साथ कार्यों को अंजाम दें।
उन्होंने कहा कि बच्चों और गर्भवती माताओं की जांच करना तथा स्वास्थ्य प्रबंधन करना यह हमारा दायित्व और कर्तव्य है। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यूनिसेफ मंडल समन्वयक रवि प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा एवं बच्चों के उचित प्रबंधन उनकी सेहत के लिए किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा रामपुर मनिहारान में मेरे द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों का भ्रमण किया गया और बच्चों का वजन लिया गया मेरे द्वारा तीस बच्चों का वजन लिया गया जिसमें तीन बच्चे सैम श्रेणी के चिन्हित हुए। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वीएचएसएनडी सत्रों में जो दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए जो बच्चों के प्रबंधन के लिए आवश्यक है जिनकी लिस्ट पूर्व में ही समस्त चिकित्सा अधिकारियों को दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि चिन्हित दवाईयां सत्र के दौरान बच्चों को नहीं मिलती है। जिसके कारण हम कुपोषण को दूर करने में पीछे रह जायेंगे। उन्होंने ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवसों में सभी दवाइयां एवं आवश्यक संसाधन मौजूद हो और अधिक से अधिक संख्या में बच्चों का चिन्हकरण एवं जाँच की जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का मुख्य कार्य वीएचएसएनडी सत्रों में बच्चों का चिन्हांकन करना है। उन्होंने कहा कि पोषण पुनर्वास केंद्र में फरवरी माह में मात्र 6 बच्चों को ही संदर्भित किया गया था जिसके जनपद की बेड ऑक्युपेंसी रेट कम हो गयौ है ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती आशा त्रिपाठी ने बताया कि पोषण पखवाड़े में यह लक्ष्य है कि अधिक से अधिक पोषण वाटिका का निर्माण किया जायोंगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर फलदार वृक्ष लगाते हुए उनका उचित प्रबंधन किया जाए। जनपद में कुल 3410 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है अब तक 1167 पोषण वाटिकायें निर्मित की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि जनपद में सेम बच्चों की कुल संख्या 2081 है, जिनका चिन्हिकरण 3 मार्च को स्वास्थ्य पोषण दिवस में किया गया था। बैठक में जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार द्वारा पोषण वाटिकाओं को फलदार वृक्ष दिए जाने और बीज उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया। बैठक में आयुष विभाग के प्रभारी डॉ राम कृपाल, पंचायतीराज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, उद्यान विभाग, आपूर्ति विभाग सहित बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।