नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस पर पूरी तरह से ब्रेक लगा दिया है। अब चूंकि उत्तर प्रदेश में उपचुनाव का मौसम चल रहा है। ऐसे में भाजपा के बुलडोजर एक्शन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा ब्रेक लगाए जाने पर विपक्षी पार्टियों को नया मुद्दा मिल गया है। यूपी में विपक्षी पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी भी शुरू हो गई हैं। अखिलेश यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अब किसी गरीब का घर नहीं टूटेगा।बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा, ‘माननीय सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर विध्वंसों से जुड़े आज के फैसले व तत्सम्बंधी कड़े दिशा-निर्देशों के बाद यह उम्मीद की जानी चाहिए कि यूपी व अन्य राज्य सरकारें जनहित व जनकल्याण का सही व सुचारू रूप से प्रबंधन करेंगी और बुलडोजर का छाया आतंक अब जरूर समाप्त होगा।’
आजाद ने कहा- योगी सरकार के लिए तमाचा
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने कहा, ‘ये भाजपा की उत्तर प्रदेश की सरकार को जोरदार तमाचा है कि बिना दोषी सिद्ध हुए या कोर्ट के निर्णय के आप किसी का घर नहीं गिरा सकते हैं। मैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूं।’
कोर्ट के फैसले से खुश है कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ‘निश्चित तौर पर सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का हम सब स्वागत करते हैं और इसके लिए हम उनका धन्यवाद भी देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जैसा कहा कि दोषी साबित होने के बाद भी घर नहीं गिराया जा सकता है, क्योंकि उस घर में रहने वाले अन्य परिजन दोषी नहीं हैं। हम दिल की गहराईयों से सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हैं।’
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आइना दिखाने का काम किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने पूरी तरह से कानून को प्राथमिकता दी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि दोषी और आरोपी को सजा दी जाए न कि उसके परिवार को। मैं आशा करती हूं कि उत्तर प्रदेश की और तमाम भाजपा की सरकारें इसका अनुसरण करते हुए ये कुकृत्य को बंद करेंगी।’
राजभर ने दी ये सफाई
योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा देश स्वागत करता है, सरकार भी करती है, विपक्ष भी करता है। सरकार का इरादा किसी का घर गिराने का नहीं है। अगर किसी अपराधी ने अवैध संपत्ति अर्जित की है और सरकारी जमीन पर घर बनाया है, तो उसे खाली कराया जाता है। सरकार कभी किसी की निजी जमीन पर बना मकान नहीं गिराती।’
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
बता दें कि राज्य सरकारों द्वारा अपराधियों के घर बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट ने गलत बताया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य और उसके अधिकारी मनमाने कदम नहीं उठा सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी घोषित नहीं कर सकती और न ही वह न्यायाधीश बनकर किसी आरोपी व्यक्ति की संपत्ति को ध्वस्त करने का फैसला कर सकती है।