नहीं छोड़ना है जिंदा, सब कुछ पहले से था तय; अतीक को 8 तो अशरफ को मारी गईं 6 गोलियां

प्रयागराज : काल्विन अस्पताल में शनिवार रात 10:30 बजे जो कुछ हुआ, उसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। पुलिस के सामने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को जिस प्रकार मौत के घाट उतारा गया, वह निश्चित तौर पर हिला देने वाला था। शूटरों के टार्गेट पर थे अतीक और अशरफ।
दोनों को नहीं छोड़ना है जिंदा
तय कर रखा था कि दोनों को जिंदा नहीं छोड़ना है। काल्विन अस्पताल के बाहर धूमनगंज पुलिस की जीप रुकती है। पीछे से अतीक और अशरफ को पुलिस वाले नीचे उतारते हैं। महज 20-25 कदम वह चलते हैं, वैसे ही गोलीबारी शुरू हो जाती है। अतीक और अशरफ जहां खड़े रहते हैं, वहीं जमीन पर गिर पड़ते हैं।
ताबड़तोड़ हो रही थी फायरिंग
पुलिसकर्मी पीछे हट जाते हैं और दोनों को तीनों तरफ से घेरकर शूटर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर देते हैं। इस दौरान तीनों शूटर आपस में कुछ बोलते तक नहीं है, सिर्फ अतीक और अशरफ पर दनादन गोलियां दागते रहते हैं। उनको जब यह भरोसा हो जाता है कि दोनों का शरीर ठंडा पड़ चुका है तो पिस्टल जमीन में फेंकते हुए सरेंडर, सरेंडर कहते हुए हाथ खड़े कर देते हैं।
जो पुलिस क्षण भर पहले इनके पीछे थी, वह लपककर तीनों को दबोच लेती है। बिना देर किए बाहर खड़ी जीप में तीनों को बैठाकर पुलिस निकल जाती है। यह पूरा घटनाक्रम करीब तीन मिनट का था। अब इस पूरी घटना पर नजर दौड़ाई जाए तो यह पता चलता है कि तीनों शूटरों ने यह तय कर रखा था कि अतीक और अशरफ को जिंदा नहीं छोड़ना है।
कनपटी, सीने और गले के पास गोली मारनी है, ताकि जीवित रहने की उम्मीद न रह जाए। यही नहीं पिस्टल का ट्रिगर तब तक दबाना है, जब तक पूरी गोली खाली न हो जाए।
जैसे प्रशिक्षण लेकर आए थे शूटर
अतीक और अशरफ को गोली मारते समय तीनों शूटरों के कदम मूवमेंट कर रहे थे। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि उनको कोई पकड़ न सके। वह अपनी चाल जिसे शूट करना है, उसे देखकर बदलते रहे। यह तभी संभव होता है, जब कोई शार्प शूटर ऐसा प्रशिक्षण देता है। यहां एक बात यह भी गौर करने वाली है कि उमेश पाल और दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या में असद और गुलाम मोहम्मद ने जब पिस्टल से फायरिंग की थी, तब भी उनको मूवमेंट इसी तरह था। वह भी फायरिंग करते समय आगे-पीछे हो रहे थे। उमेश पाल और सुरक्षाकर्मी अपनी दिशा बदलते तो पलभर में असद व गुलाम भी मुड़ जाते थे।
काल्विन अस्पताल में गोलियों के ताबड़तोड़ हमले से माफिया अतीक और अशरफ के शरीर छलनी हो गए थे। अतीक के सिर में एक और अशरफ के सिर में दो गोलियां धंसी पाई गईं। हमले में अतीक अहमद को कुल आठ और अशरफ को छह गोलियां मारी गई थीं। गोलियां नाइन एमएम पिस्टल से चली थी। पोस्टमार्टम पांच डाक्टरों के पैनल ने किया। इसमें सीएमओ और एक डिप्टी सीएमओ भी थे।