सपा में नूर मलिक या विजेश शर्मा हो सकते हैं महापौर पद के उम्मीदवार

सहारनपुर। सहारनपुर नगर निगम के महापौर पद के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद अभी तक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व प्रमुख विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी व कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। बहुजन समाज पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक व पूर्व विधायक इमरान मसूद की समधिन खदीजा शादान मसूद को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है।

गौरतलब है कि सहारनपुर नगर निगम के आगामी चार मई को होने वाले महापौर व 70 पार्षद पदों के लिए चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों के भाग्य का निर्धारण 6 लाख 21 हजार 450 मतदाताओं द्वारा किया जाएगा। महापौर व पार्षद पदों की नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पहले दिन किसी भी प्रत्याशी ने अपना नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। इसका मुख्य कारण अभी तक प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा अपने प्रत्याशियों की घोषणा न किया जाना माना जा रहा है।

प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी द्वारा नगर के प्रमुख चिकित्सक डा. कलीम अहमद को महापौर पद का चुनाव लडऩे की पेशकश की गई थी जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। उसके बाद सपा में महापौर पद को लेकर लगभग एक दर्जन उम्मीदवारों द्वारा अपनी दावेदारी जताई जा रही है जिनमें सहारनपुर देहात के विधायक आशुु मलिक के भाई नूर मलिक, सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश कोषाध्यक्ष इंजी. विजेश शर्मा, पूर्व सांसद बाबू मुल्कीराज सैनी के बेटे विनीत सैनी, सपा नगर विधानसभा अध्यक्ष परीक्षित वर्मा, इसरार प्रमुख, व्यापारी नेता हरपाल वर्मा, नुसरत साबरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मौ. जब्बार, जावेद आदि शामिल हैं।

समाजवादी पार्टी से पार्टी विधायक आशु मलिक के भाई नूर मलिक को महापौर का उम्मीदवार बनाए जाने की प्रबल संभावना जताई जा रही है परंतु विगत विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय का अधिकांश वोट मिलने के बावजूद सपा सहारनपुर देहात व बेहट विधानसभा सीटों पर अपना परचम लहरा पाई थी। अन्य सीटों पर हिंदू मतदाताओं की बेरूखी के कारण समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था जिसके चलते राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बसपा द्वारा मुस्लिम उम्मीदवार उतारने के बावजूद यदि सपा भी किसी मुस्लिम को उम्मीदवार बनाती है तो उसकी जीत की संभावनाएं कम हैं। इस कारण राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि समाजवादी पार्टी किसी हिंदू प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारती है तो परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। ऐसी स्थिति सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश कोषाध्यक्ष व अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंजी. विजेश शर्मा पर दांव लगा सकती है।

माना जा रहा है कि इंजी. विजेश शर्मा सपा के आजीवन प्रदेशाध्यक्ष रहे चौ. रामशरण दास गुर्जर के विश्वसनीय व पारिवारिक सदस्य माने जाते रहे हैं। जबकि सपा के राष्ट्रीय सचिव व अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री रामआसरे विश्वकर्मा का समर्थन भी उन्हें प्राप्त है जिसके चलते इंजी. विजेश शर्मा को हिंदू प्रत्याशी उतारने की स्थित में सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। अब देखना यह है कि समाजवादी पार्टी महापौर पद पर किस उम्मीदवार के नाम पर अपनी मोहर लगाती है।