भारत में कोई भी आतंकी हमला पाकिस्तान के लिए भारी पड़ेगा, ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ: राजनाथ सिंह

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को आतंकवादियों को एक सशक्त और कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत अब आतंकवाद का शिकार नहीं रहेगा। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में उत्तरी कमान के जवानों से बातचीत करते हुए सिंह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को एक शक्तिशाली संदेश दिया है कि नया भारत दृढ़ निश्चयी है और अब आतंकवाद का शिकार नहीं होगा, बल्कि ताकत और रणनीति के साथ जवाब देगा।” राजनाथ सिंह दिन में सेना के जवानों के साथ बड़ा खाना में शामिल होने के लिए उधमपुर पहुंचे। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी थे।
भारत में कोई भी आतंकी हमला पाकिस्तान के लिए भारी पड़ेगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर भविष्य में भारत की धरती पर कोई भी आतंकवादी हमला होता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है और भारत आतंकवाद के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि भारत के खिलाफ ‘‘हजार घाव’’ देने की उसकी नीति कभी सफल नहीं होगी।
ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी के साथ मौजूद सिंह ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है… इस ऑपरेशन के जरिए हमने पाकिस्तान को बता दिया कि भारत में आतंकवाद जारी रखने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसका जवाब बद से बदतर होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की ‘एयर स्ट्राइक’ (सीमा पार) का ही विस्तार है। हमने पाकिस्तान को बता दिया है कि भारत को ‘‘हजार घाव देने’’ की उसकी नीति कभी सफल नहीं होगी।
भारत की धरती पर कोई भी आतंकी हमला पाकिस्तान के लिए विनाशकारी साबित होगा
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारत की धरती पर कोई भी आतंकी हमला पाकिस्तान के लिए विनाशकारी साबित होगा। भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए तैयार है।’’ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने छह और सात मई की मध्य रात्रि में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे पर हमला किया था। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए किया गया था जिसमें 26 लोग मारे गए थे।