भोपाल। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के बिना नहीं कराए जाएंगे। कैबिनेट द्वारा अध्यादेश वापस लेने के बाद अब 2019 की स्थिति लागू हो जाएगी यानी जो मौजूदा चुनाव प्रक्रिया है वो विधि मान्य नहीं होगी। इसके मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव स्थगित करने पड़ेंगे। इसके लिए रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश को वापस लेने का निर्णय लिया गया। इसे राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति मिलने के बाद विधि एवं विधायी विभाग ने देर रात तत्काल प्रभाव से वापस लेने की अधिसूचना जारी कर दी।
मालूम हो कि अब तय माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग सोमवार को विधि विशेषज्ञों से परामर्श करके निर्णय लेगा। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण के संबंध में दिए गए आदेश के मुताबिक सरकार को प्रक्रिया करनी होगी। इसके लिए पहले पिछड़ा वर्ग की गणना होगी और उसके आधार पर आरक्षण का निर्धारण होगा। यह आरक्षण अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण को मिलाकर 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक नहीं हो सकता है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण को रुकवाने का काम किया है।
अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नए सिरे से चुनाव कराने की तैयारी करनी होगी। इसमें ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की रोशनी में काम करना होगा। नए सिरे से परिसीमन कराकर रोटेशन के आधार पर आरक्षण प्रक्रिया करनी होगी। इसमें दो-तीन माह का समय लग सकता है।
राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित (पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य) पदों को छोड़कर चुनाव करा रहा था। चूंकि, जिस अध्यादेश के आधार पर चुनाव कार्यक्रम घोषित हुआ था, सरकार ने उसे ही वापस ले लिया है इसलिए चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ेगा। अध्यादेश वापस होने से 2019 में कमल नाथ सरकार के समय त्रिस्तरीय पंचायतों का जो परिसीमन हुआ था, वो फिर लागू हो जाएगा। 12 सौ पंचायतें वजूद में आ जाएंगी। विभिन्न् वार्डों की सीमाओं में जो परिवर्तन हुआ था, वह प्रभावी हो जाएगा।
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजभवन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पंचायत चुनाव से संबंधित अध्यादेश वापस लिए जाने संबंधी परिस्थिति की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने अध्यादेश वापस लेने की फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने अध्यादेश वापस लेने की अधिसूचना जारी होने के बाद कहा कि सोमवार को इस संबंध में विधि विशेषज्ञों से परामर्श करके आगामी निर्णय लिया जाएगा।