‘किसी को पंचायती करने की जरूरत नहीं’, जिला अध्यक्षों के चयन पर अशोक गहलोत की दो टूक

‘किसी को पंचायती करने की जरूरत नहीं’, जिला अध्यक्षों के चयन पर अशोक गहलोत की दो टूक

राजस्थान कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान के तहत नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर हलचल तेज हो गई है. दिल्ली में बुधवार को हुई कई दौर की बैठकों में पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की गई. सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के 50 जिलों में नए जिला अध्यक्ष बनाए जाने हैं, जिनमें से 48 जिलों के नामों पर चर्चा पूरी हो चुकी है, जबकि बांरा और झालावाड़ जिलों के फैसले उपचुनावों के चलते फिलहाल टाल दिए गए हैं.

यह संगठन सृजन अभियान कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है. इसी के तहत जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन को नया रूप देने की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि, इसी बीच पार्टी में गुटबाजी की खबरें सामने आई हैं. कुछ नेताओं पर आरोप है कि वे पर्यवेक्षकों को फोन कर अपने समर्थकों के नाम की सिफारिश कर रहे हैं.

कौन ‘ बनेगा और कौन नहीं संगठन में होगा तय- अशोक गहलोत

इन सिफारिशों और दबावों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पूरे विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए नेताओं को साफ संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि कौन जिला अध्यक्ष बनेगा और कौन नहीं, यह फैसला केवल आलाकमान का है. किसी भी नेता को पंचायती करने की जरूरत नहीं है. गहलोत ने आगे कहा कि यदि किसी को कोई सुझाव देना है तो वह सीधे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे या राहुल गांधी के सामने अपनी बात रख सकता है, न कि पर्यवेक्षकों पर दबाव बनाए.

हाईकमान के निर्णय का करना होगा सम्मान – गहलोत

गहलोत ने नेताओं को यह भी नसीहत दी कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाएगी और जो भी नाम चुने जाएंगे, उनका सभी को स्वागत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि हम सच्चे मन से काम करना चाहते हैं तो हमें हाईकमान के निर्णय का सम्मान करना होगा.

राजनीतिक गलियारों में गहलोत के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. पार्टी के अंदरखाने चर्चा थी कि कुछ वरिष्ठ नेता अपने गुट के लोगों को जिला अध्यक्ष बनाने के लिए सक्रिय हैं और पर्यवेक्षकों से व्यक्तिगत संपर्क कर रहे हैं. इससे पार्टी के अन्य नेताओं में नाराजगी थी.

दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल नहीं हुए गहलोत

सूत्रों के अनुसार, अशोक गहलोत को दिल्ली में होने वाली अहम बैठक के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने इस बैठक में शामिल न होकर यह संकेत दे दिया कि वे जिला अध्यक्षों के चयन प्रक्रिया से खुद को दूर रख रहे हैं. गहलोत ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में उनका कोई हस्तक्षेप नहीं है और अंतिम निर्णय सिर्फ आलाकमान का होगा.

दिल्ली में हुई बैठक में संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली मौजूद रहे. इन सभी नेताओं से जिला अध्यक्षों के संभावित नामों पर वन-टू-वन चर्चा की गई.

सूत्रों का कहना है कि कुछ जिलों में मौजूदा जिला अध्यक्षों को दोबारा मौका मिल सकता है, जबकि दो से तीन जिलों में महिला नेताओं को भी जिला अध्यक्ष बनाया जा सकता है. वहीं, संभावित सूची में कई सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री भी शामिल बताए जा रहे हैं.

कांग्रेस आलाकमान अब संगठन सृजन अभियान के अगले चरण में प्रवेश कर चुका है. उम्मीद है कि जिला अध्यक्षों के नामों की औपचारिक घोषणा इस महीने के अंत तक या नवंबर के पहले सप्ताह में कर दी जाएगी.