पीयूष गोयल चाहे जितनी छाती पीट लें, ट्रंप टैरिफ की समयसीमा के आगे झुकेंगे मोदी… Rahul Gandhi का प्रधानमंत्री पर तीखा हमला

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की एक टिप्पणी को लेकर शनिवार को दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार शुल्क संबंधी समयसीमा के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसानी से झुक जाएंगे।
डोनाल्ड ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ लागू होने में सिर्फ़ तीन दिन बचे हैं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ज़ोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यापार समझौते पर गतिरोध के बीच समय सीमा के आगे झुकेंगे। गांधी की यह प्रतिक्रिया तब आई जब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ तभी व्यापार समझौता करेगा जब उसके हितों की रक्षा होगी। सूत्रों ने पहले इंडिया टुडे को बताया था कि भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते पर 9 जुलाई की समय सीमा से पहले हस्ताक्षर होने की संभावना है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की एक टिप्पणी को लेकर शनिवार को दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार शुल्क संबंधी समयसीमा के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसानी से झुक जाएंगे। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल ने शुक्रवार को कहा था कि भारत समयसीमा के आधार पर कोई व्यापार समझौता नहीं करता है और अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते को तभी स्वीकार करेगा जब यह पूरी तरह अंतिम रूप ले लेगा, ठीक से संपन्न होगा और राष्ट्रहित में होगा।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उनके इस बयान को लेकर ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पीयूष गोयल जितना चाहें अपनी छाती पीट सकते हैं, मेरे शब्दों पर गौर करें, ट्रंप की शुल्क संबंधी समयसीमा के सामने मोदी आसानी से झुक जाएंगे।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर दो अप्रैल को 26 प्रतिशत का अतिरिक्त जवाबी शुल्क लगा दिया था। हालांकि, कुछ दिन बाद ही इसे 90 दिन के लिए यानी नौ जुलाई तक टाल दिया गया था। इस बीच, अमेरिका द्वारा लगाया गया 10 प्रतिशत मूल शुल्क अब भी लागू है। आगामी नौ जुलाई की समयसीमा खत्म होने के पहले भारत और अमेरिका एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिशों में लगे हुए हैं। इसके लिए दोनों पक्षों के अधिकारियों और मंत्रियों के स्तर पर कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं।
दूसरी ओर, भारत ने कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान और रसायन सहित अमेरिकी श्रम-प्रधान उद्योगों तक अधिक पहुंच की मांग की है। विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारत की वार्ता टीम द्वारा चर्चा के लिए वाशिंगटन में अपना प्रवास बढ़ाने के बावजूद यह मुद्दा हल नहीं हुआ है। दिल्ली में एक व्यापारिक कार्यक्रम में बोलते हुए, गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत कृषि और डेयरी क्षेत्रों के हितों से समझौता नहीं करेगा।
गोयल ने कहा, “भारत कभी भी समय सीमा या समय के दबाव के आधार पर व्यापार सौदे नहीं करता है। यह दोनों पक्षों के लिए जीत वाला समझौता होना चाहिए और केवल तभी जब भारत के हितों की रक्षा की जाती है, अगर कोई अच्छा सौदा बनता है, तो भारत हमेशा विकसित देशों के साथ जुड़ने के लिए तैयार है।”