‘कोई हेराफेरी नहीं हो रही’, एअर इंडिया प्लेन हादसे की जांच पर बोले नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू

‘कोई हेराफेरी नहीं हो रही’, एअर इंडिया प्लेन हादसे की जांच पर बोले नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू

नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे की जांच में कोई हेराफेरी नहीं हो रही. एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस विमान हादसे की जांच कर रहा है. केंद्रीय मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब AAIB की जांच पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं.

‘जांच में कोई हेराफेरी नहीं हो रही’

केंद्रीय मंत्री नायडू ने मंगलवार (7 अक्टूबर 2025) को अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर कहा कि वास्तव में क्या हुआ था, यह जानने के लिए सभी को एएआईबी की अंतिम जांच रिपोर्ट का इंतजार करना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘जांच में कोई हेराफेरी या कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है. यह एक बहुत ही साफ-सुथरी और गहन प्रक्रिया है, जिसे हम नियमों के अनुसार कर रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, “अंतिम रिपोर्ट आने में कुछ समय लगेगा. एआईबी अंतिम रिपोर्ट पर एक बहुत ही पारदर्शी और स्वतंत्र अध्ययन कर रहा है. हम उन पर जल्दबाजी में कोई रिपोर्ट तैयार करने का दबाव नहीं डालना चाहते हैं इसलिए वे इसके लिए आवश्यक समय लेंगे.”

पायलट एसोसिएशन ने लगाए थे आरोप

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने आरोप लगाया था कि अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया AI-171 विमान हादसे पर AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट जल्दबाजी में और दबाव में तैयार की गई थी.

एअर इंडिया की अमृतसर से बर्मिंघम जा रही फ्लाइट AI117 में शनिवार (4 अक्तूबर 2025) को तकनीकी अलर्ट के बाद रैम एयर टर्बाइन (RAT) डिप्लॉय हो गया. RAT (Ram Air Turbine) विमान में तब अपने आप एक्टिव होता है जब बिजली या हाइड्रॉलिक सिस्टम में कोई आपात स्थिति आती है.

इसे लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जब भी इस तरह की घटनाएं होती हैं, हम समस्या के मूल कारण का पता लगाने की कोशिश करते हैं. एक बार जब हमें मुख्य कारण समझ में आ जाता है तो हम हितधारकों, OEM और जो भी संबंधित हैं, उनसे संपर्क करेंगे. हम इस पर गहन अध्ययन करने जा रहे हैं. DGCA समस्या के कारण का पता लगा रहा है.”

अहमदाबाद विमान हादसा

अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान (AI-171) 12 जून 2025 को बीजे मेडिकल कॉलेज से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत 260 लोग मारे गए थे. केवल एक यात्री जिंदा बचा था. इसमें मेडिकल कॉलेज के छात्रावास और आसपास के लोग भी मारे गए गए थे.