कोविड से बच्चों में गंभीर संक्रमण होने का कोई डाटा नहीं: रणदीप गुलेरिया

कोविड से बच्चों में गंभीर संक्रमण होने का कोई डाटा नहीं: रणदीप गुलेरिया
  • एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया  ने कहा है कि बच्चों के कोरोना संक्रमण से अधिक प्रभावित होने के अभी तक कोई डाटा उपलब्ध नहीं हैं.  स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कांफ्रेंस में डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने यह बात कही.

दिल्ली : एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया  ने कहा है कि बच्चों के कोरोना संक्रमण से अधिक प्रभावित होने के अभी तक कोई डाटा उपलब्ध नहीं हैं.  स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कांफ्रेंस में एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने यह बात कही. उन्होंने भविष्य में भी बच्चों के गंभीर रूप से संक्रमित होने की आशंकाओं को खारिज किया. एम्स निदेशक ने कहा कि वैश्विक और भारतीय किसी भी डाटा में ऐसी नहीं देखा गया है कि बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे. गुलेरिया ने कहा कि यहां तक कि दूसरी लहर में भी जो बच्चे संक्रमित हुए हैं उन पर संक्रमण का हल्का असर देखने को मिला है. एम्स निदेशक ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि भविष्य में भी बच्चों को हमें बच्चों में गंभीर संक्रमण देखने को मिलेगा.”

डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अनलॉकिंग के बाद जनता कोविड अप्रोपियेट बिहेवियर नहीं रखेंगे तो अगली covid वेव आना निश्चित है. उन्होंने कहा कि जब तक टीकाटकरण अभियान एक सीमा तक नहीं पहुंच जाता तब तक लहर आती रहेगी. उन्होंने बताया कि पहली और दुसरी वेव में बच्चे संक्रमित तो हुए पर लक्षण ज्यादा नहीं दिखे.

देश के वर्तमान कोरोना परिस्थिति पर आज स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना के केस में 79% की कमी आई है. पिछले 7 मई को देश में कोरोना के कुल 4.14 लाख मामले थे और आज सिर्फ 86498 केस हैं. देश में एक्टिव केस की संख्या भी लगातार घट रही है. बीते एक महीने में 24 लाख  कोरोना के केस कम हुए हैं. देश में एक्टिव केस की संख्या 37.46 लाख से कम होकर 13.03 रह गए है. अभी देश के 209 जिलों में प्रतिदिन 100 केस आ रहे हैं, पहले कुल 531 ऐसे जिले थे.

वहीं नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने वैक्सीन की कीमतों के लेकर कहा कि निजी क्षेत्रों (अस्पतालों) के लिए टीकों की कीमत वैक्सीन निर्माताओं द्वारा तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य निजी क्षेत्र की मांग को एकत्रित करेंगे, इसका मतलब है कि वे देखेंगे कि उसके पास सुविधाओं का कितना नेटवर्क है, और उसे कितनी खुराक की जरूरत है.