खौफनाक… एक कत्ल छिपाने के लिए बेरहमी से कर दिए नौ और कत्ल, तेलंगाना पुलिस ने सुलझाई मर्डर मिस्ट्री

- पिछले सप्ताह तेलंगाना के वारंगल में एक कुएं से नौ लोगों के शव मिले थे, इनमें से 6 एक ही परिवार के थे
- पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा फुटेज के आधार पर एक शख्स को पकड़ा, यह बिहार का रहने वाला था
- इस शख्स ने इस परिवार की एक महिला का मर्डर किया था, उसे छिपाने के लिए ही ये 9 कत्ल किए गए थे
वारंगल
तेलंगाना के वारंगल में पुलिस ने पिछले सप्ताह एक कुएं से मिलीं नौ लाशों के मामले में रोंगटे खड़े कर देने वाला खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि ये सभी हत्याएं एक 24 साल के युवक ने की हैं। पुलिस का आरोप है कि इस युवक ने 6 अप्रैल को किए गए एक मर्डर को छिपाने के लिए ये हत्याएं की हैं। इससे पहले माना जा रहा था कि इन सभी ने आत्महत्या की है।
पुलिस का दावा है कि आरोपी संजय कुमार यादव को सोमवार को जब अरेस्ट किया गया तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इस पूरे मामले की छानबीन छह स्पेशल पुलिस टीम कर रही थीं। तीन दिन पहले गोरेकुंटा गांव से जो 9 शव मिले थे उनमें से 6 एक ही परिवार के सदस्य थे।
पिछले 6 साल से तेलंगाना में रह रहा था आरोपी
मीडिया से बातें करते हुए वारंगल के पुलिस कमिश्नर ने बताया, ‘आरोपी ने पहले इसी परिवार की एक महिला का कत्ल किया था। बाद में भेद खुलने के डर से उसने ये हत्याएं की।’ पड़ताल में पता चला कि आरोपी बिहार का रहने वाला है और पिछले 6 साल से यहां रह रहा था। वह मृतक मकसूद (48) की एक भतीजी और उसके तीन बच्चों के साथ पिछले 4 साल से रह रहा था। मकसूद और उनका परिवार 20 साल पहले बंगाल से यहां आए थे।
6 मार्च को किया था एक महिला का कत्ल
इसी साल 6 मार्च को संजय ने इस महिला का कत्ल कर दिया था। मकसूद की पत्नी ने अपनी भतीजी के गायब होने का शक संजय पर जताया था और पुलिस से शिकायत करने की धमकी दी थी। इसके बाद ही संजय ने पूरे परिवार की हत्या की साजिश रची।
जन्मदिन की पार्टी में मिलाई नींद की गोलियां
उसे पता चला कि 20 मई को मकसदू के एक बेटे का जन्मदिन है। वह उसदिन उनके घर पहुंच गया और किसी बहाने से उनके खाने में नींद की गोलियां मिला दीं। जब सभी लोग गहरी नींद सो गए तो उसने मकसूद, उसकी पत्नी, बेटी, तीन साल का पोता, मकसूद के दो बेटों, उनके दोस्त समेत दो और लोगों को घसीट कर रात 12:50 से सुबह 5 के बीच पास ही बनी एक फैक्ट्री के कैंपस में बने कुएं में ढकेल दिया। जब उसे लगा कि वे डूब गए हैं तो वह उनके फोन लेकर अपने घर चला गया।
महिला को भी नींद की खिलाकर मारा था
इससे पहले उसने मकसूद की भतीजी का मर्डर इसलिए किया क्योंकि उसे शक हो गया था कि संजय उसकी बेटी से नजदीकियां बढ़ा रहा है। इसके बाद उसने बहाना बनाया कि वह शादी की बात करने के लिए उसके परिवार से मिलने पश्चिम बंगाल जा रहा है। रास्ते में उसने छाछ में नींद की गोलियां मिलाकर महिला को बेहोश कर दिया। बाद में गला दबाकर उसे ट्रेन से नीचे फेंक दिया। जब वह लौटकर वापस वारंगल आया तो उसने मृतका के बच्चों से कहा कि उनकी मां बंगाल में अपने रिश्तेदारों के यहां रुक गई है।
पुलिस पहले मान रही थी आत्महत्या
लेकिन मकसूद की पत्नी को इस पर भरोसा नहीं हुआ और उसने एक दिन संजय को धमकी दे दी। इसी के बाद संजय ने पकड़े जाने के डर से सबको रास्ते से हटा दिया। गुरुवार को पहले तीन लोगों की लाशें कुएं से निकलीं अगले दिन बाकी लोगों की लाशें निकाली गईं तो लोगों में दहशत की लहर दौड़ गई। चूंकि उनके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे इसलिए माना गया कि उन्होंने आत्महत्या की है। पर फरेंसिक एक्सपर्ट को उनके शरीर पर कुछ खरोंचें दिखाई दीं इसलिए उन्होंने आत्महत्या के एंगल से भी इनकार कर दिया। बाद में पूछताछ और सीसीटीवी कैमरा फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय पर शिकंजा कसा और आखिर उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।