गोपालगंज शराबकांड में नौ दोषियों को फांसी; चार महिलाओं को आजीवन कारावास; 19 की गई थी जान
पटना । गोपालगंज शराबकांड, बिहार के गोपालगंज में चर्चित रहे खजुरबानी शराबकांड में एडीजे-2 की अदालत ने शुक्रवार को सजा का ऐलान कर दिया गया। मामले में 13 में से 9 दोषियों को फांसी और चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 16 अगस्त 2016 को गोपालगंज के खुजरबानी में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही दो लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। चार साल पहले हुए मामले में 14 लोगों को आरोपित बनाया गया था, जिसमें एक आरोपित की ट्रालय के दौरान जेल में ही मौत हो गई थी। शुक्रवार को सजा का ऐलान होते ही दोषियों के स्वजन हंगामा करने लगे। स्वजनों का कहना था कि उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है, वो फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे।
16 अगस्त 2016 को हुई थी घटना
16 अगस्त 2016 को जिला मुख्यालय स्थित खजुरबानी मोहल्ले में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई तथा दो अन्य लोगों के आंख की रोशनी चली गई थी। इस घटना के बाद वरीय अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने 16 अगस्त की रात में खजुरबानी मोहल्ले में छापेमारी का अभियान चलाया था। इस छापेमारी के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में शराब बरामद की थी। घंटों चली छापेमारी के दौरान शराब के कारोबारियों के घरों से लेकर आसपास के इलाके से शराब बरामदगी की इस घटना को लेकर नगर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष बीपी आलोक के बयान पर नगर थाने में एफआइआर दर्ज की गई, जिसमें शराब के कारोबार में संलिप्तता के आधार पर खजुरबानी वार्ड नंबर 25 निवासी छठू पासी, कन्हैया पासी, लालझरी देवी, कैलाशो देवी, नगीना पासी, लालबाबू पासी, राजेश पासी, सनोज पासी, रीता देवी, संजय चौधरी, रंजय चौधरी, मुन्ना चौधरी, इंदु देवी तथा ग्रहण पासी को नामजद आरोपित बनाया गया। इस आपराधिक मामले में पुलिस की ओर से आरोप पत्र दाखिल होने के बाद सुनवाई प्रारंभ हुई। ट्रायल के दौरान ही एक आरोपित ग्रहण पासी की मौत हो गई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आलोक में विशेष न्यायालय उत्पाद ने ट्रायल का सामना कर रहे शेष बचे सभी 13 आरोपित को शुक्रवार को दोषी करार दिया।