एनआइए ने मुंबई कोर्ट में कहा- मनसुख हत्याकांड के साजिशकर्ता के संपर्क में था सचिन वाझे
मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने दावा किया है कि मनसुख हिरेन हत्याकांड का आरोपित सचिन वाझे इसके साजिशकर्ता से लगातार संपर्क में था। एनआइए ने कोर्ट में कहा है कि वह जल्द ही इस हत्याकांड की साजिश एवं उद्देश्य का पता लगा लेगी। एनआइए के इस बयान से संकेत मिल रहे हैं कि इस मामले में वाझे किसी से लगातार निर्देश प्राप्त कर रहा था।
जब मनसुख हिरेन की हत्या की योजना बनी तब वाझे एवं विनायक शिंदे साथ-साथ थे
मनसुख हत्याकांड में गिरफ्तार विनायक शिंदे की हिरासत अवधि बढ़वाने के लिए जांच एजेंसी मंगलवार को एनआइए कोर्ट में गई थी। जांच एजेंसी का पक्ष रखते हुए वकील सुनील गोंजाल्विस ने कहा कि जब मनसुख हिरेन की हत्या की योजना बनी तो सचिन वाझे एवं विनायक शिंदे साथ-साथ मौजूद थे। इस दौरान मुंबई पुलिस का निलंबित एपीआइ वाझे मोबाइल फोन के जरिये इस मामले के साजिशकर्ता के संपर्क में था।
अंटीलिया प्रकरण, मनसुख हत्याकांड में वाझे के अलावा भी कोई साजिशकर्ता है: एनआइए
कोर्ट में दिए गए एनआइए के इस बयान से पता चलता है कि अंटीलिया प्रकरण एवं मनसुख हत्याकांड में सचिन वाझे के अलावा भी कोई साजिशकर्ता है, जिसके संपर्क में सचिन वाझे लगातार बना हुआ था। गोंजाल्विस ने कोर्ट को बताया कि जांच एजेंसी को हाल ही में कुछ डीवीआर, सीपीयू एवं लैपटाप मिले हैं। इसके अलावा कुछ सिमकार्ड की एक लिस्ट भी बरामत हुई है। इन सामग्रियों के बारे में विनायक शिंदे एवं सचिन वाझे से पूछताछ की जानी है। इसलिए शिंदे की हिरासत अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।
कोर्ट ने विनायक शिंदे की हिरासत अवधि सात अप्रैल तक बढ़ाई
विशेष एनआइए कोर्ट के जज पीआर सितरे ने वकील के तर्को से सहमत होते हुए विनायक शिंदे की हिरासत अवधि सात अप्रैल तक बढ़ा दी। हालांकि विनायक शिंदे के वकील गौतम जैन ने उसकी एनआइए हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि उसे नौ दिन तक पहले ही हिरासत में रखा जा चुका है। इसलिए उसे अब और एनआइए की हिरासत में नहीं देना चाहिए।
शिंदे की भूमिका सिर्फ वाझे को सिम कार्ड उपलब्ध कराने तक ही सीमित थी
गौतम जैन के अनुसार विनायक शिंदे की भूमिका सिर्फ वाझे को सिम कार्ड उपलब्ध कराने तक ही सीमित थी। इसी प्रकार अहमदाबाद के क्रिकेट बुकी नरेश गोर के वकील ने भी गोर की भूमिका सिर्फ सिम कार्ड उपलब्ध कराने तक ही बताते हुए कहा कि उसे हत्या की योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
एनआइए मनसुख हत्याकांड एवं मुकेश अंबानी के मामलों की जांच कर रही है
बता दें कि एनआइए मनसुख हत्याकांड एवं उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट खड़ी की गई विस्फोटक लदी स्कार्पियो, दोनों मामलों की जांच कर रही है। वह कोर्ट को बता चुकी है कि ये दोनों मामले एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
एनआइए ने सचिन वाझे की एक और लक्जरी कार की बरामद
इन दोनों मामलों की जांच करते हुए ही एनआइए ने मंगलवार को नवी मुंबई से सचिन वाझे की एक और लक्जरी कार बरामद की। इस कार का उपयोग वाझे का एक सहयोगी कर रहा था। इसके अलावा दो दिन पहले मुंबई की मीठी नदी से मिलीं दो नंबर प्लेटों का मामला भी गहरा गया है। इनमें से एक नंबर प्लेट औरंगाबाद से पिछले साल चोरी हो गई थी। इसके मालिक विजय नाडे ने 17 नवंबर, 2020 को इस कार की चोरी की रिपोर्ट लिखाई थी। लेकिन रविवार को जब एनआइए ने मीठी नदी में गोताखोरों को उतारकर सचिन वाझे द्वारा फिंकवाए गए सामान निकलवाए तो उसमें एक नंबर प्लेट ऐसी भी मिली, जो विजय नाडे की कार की थी। नाडे का कहना है कि अभी तक किसी जांच एजेंसी ने उनसे संपर्क नहीं किया है। लेकिन जहां आवश्यकता होगी, वह एजेंसी को सहयोग करेंगे।