दिल्ली में नए नियम, विकास के लिए किया नुकसान तो पेड़ लगाने ही नहीं बचाने भी होंगे

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग ने ‘वृक्ष प्रत्यारोपण नीति 2020’ को अधिसूचित कर दिया है. नई नीति में विकास कार्यों के दौरान 80 फीसदी पेड़ों का प्रत्यारोपण अनिवार्य किया है. विकास परियोजना के तहत पेड़ों के नुकसान के एवज में अब 1 वृक्ष की जगह 10 पौधे लगाने होंगे. प्रत्यारोपित किए जाने वाले पेड़ों की न्यूनतम उंचाई 6 फीट होनी चाहिए. वृक्ष प्रत्यारोपण के लिए निर्धारित प्रक्रिया के क्रियान्वयन की नियमित निगरानी के लिए दिल्ली वृक्ष प्राधिकरण प्रमुख निकाय ही होगा.
‘वृक्ष प्रत्यारोपण नीति 2020’ के अनुसार विकास योजनाओं के तहत किसी भी पेड़ को अब अनावश्यक रूप से हटाया नहीं जा सकेगा. पेड़ को काटने और प्रत्यारोपण से बचने के लिए डिजाइन में हर संभव बदलाव करने की कोशिश करनी होगी. यदि संभव न हो तो ही पेड़ को काटा या प्रत्यारोपित किया जा सकता है. विकास परियोजना में बाधा बनने वाले 80 फीसदी पेड़ों को प्रत्यारोपित किया जाना अनिवार्य होगा. प्रत्यारोपण होने के 1 साल बाद तक 80 फीसदी पेड़ों को संरक्षित किया जाना सुनिश्चित करना होगा.
इसके अलावा विकास परियोजना के तहत पेड़ के नुकसान के एवज में वृक्षारोपण करना आवश्यक होगा. पेड़ों की क्षतिपूर्ति के एवज में अब 10 गुना अधिक पौधे लगाने होंगे, यानि 1 पेड़ की क्षतिपूर्ति के एवज में 10 पौधे लगाने होंगे. इसके अलावा प्रत्यारोपित किए जाने वाले पेड़ों को बचाए रखना सुनिश्चित करने के लिए सभी की न्यूनतम उंचाई 6 फीट होनी चाहिए. बीजारोपण और वृक्षों की जियो टैगिंग भी करनी होगी.
इस नीति के जरिए योजना स्थल पर पेड़ प्रत्यारोपण की उचित प्रक्रिया को अधिसूचित किया गया है, जिसका पालन किया जाना आवश्यक है. योजना की व्यवहार्यता के आंकलन के समय वृक्ष सर्वेक्षण किया जाएगा और वृक्षों के संरक्षण के लिए साइट की पहचान की जाएगी. आवेदक वृक्ष प्रत्यारोपण कार्य करने के लिए सूचीबद्ध एजेंसियों में से किसी एक तकनीकी एजेंसी का चयन करेगा. वृक्ष समिति 100 या अधिक वृक्षों के प्रत्यारोपण से संबंधित सभी परियोजनाओं की नियमित निगरानी करने और एक वर्ष के अंत में पेड़ों के जीवित रहने की दर को प्रमाणित करने के लिए जिम्मेदार होंगी.
वन एवं वन्यजीव विभाग द्वारा नागरिक समूहों, पेशेवर तथा विशेषज्ञ व्यक्तियों वाली स्थानीय समितियां (वार्ड अथवा असेम्बली स्तर पर) गठित की जाएंगी. प्रत्यारोपित पेड़ों के नियमित सामाजिक ऑडिट करने के लिए इनका गठन किया जाएगा. दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत वन और वन्यजीव विभाग पेड़ों की कटाई के लिए आए आवेदन की हर माह के मुताबिक विस्तृत रिकॉर्ड अपनी वेबसाइट पर रखेगा.
दिल्ली में पायी जाने वाली विभिन्न वृक्ष प्रजातियों के वैज्ञानिक प्रत्यारोपण की श्रेष्ठ और सफल प्रक्रिया शामिल होती है. विभाग में वृक्ष प्रत्यारोपण के लिए एक समर्पित सैल की स्थापना की जाएगी ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में वृक्ष प्रत्यारोपण से संबधित सभी मामलों के लिए सुविधा दी जा सके और उनका निपटारा किया जा सके. अधिसूचना के मुताबिक वृक्ष प्रत्यारोपण के लिए निर्धारित प्रक्रिया के कार्यान्वयन की नियमित निगरानी के लिए दिल्ली सरकार का वृक्ष प्राधिकरण सर्वोच्च निकाय भी होगा.