लद्दाख में चीन की हर छोटी-बड़ी हरकत पर नजर, मिले नए इजरायली Heron ड्रोन

लद्दाख में चीन की हर छोटी-बड़ी हरकत पर नजर, मिले नए इजरायली Heron ड्रोन
  • इन ड्रोनों की खरीद इमरजेंसी फाइनेंशियल पावर्स के तहत की गई है. मोदी सरकार ने सुरक्षा बलों को इसकी इजाजत दी है. इस क्‍लॉज के तहत रक्षा बल 500 करोड़ रुपये तक के सैन्य साज-ओ-सामान और सुरक्षा सिस्टम की खरीद कर सकते हैं.

नई दिल्ली: लद्दाख (Ladakh) में अब चीन (China) की हर छोटी-बड़ी हरकत पर भारत नजर रख सकेगा. कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण की लहर की वजह से थोड़ी देर से ही सही इजरायल (Israel) ने भारत को अत्याधुनिक हेरोन (Heron) ड्रोन मुहैया करा दिए हैं. भारत ने इन ड्रोन (Drone) को इमरजेंसी प्रोक्‍योरमेंट क्‍लॉज के तहत खरीदा है. इससे देश की सर्विलांस क्षमता में इजाफा होगा. सरकारी सूत्रों के मुताबिक एडवांस हेरोन ड्रोन को पूर्वी लद्दाख सेक्‍टर में तैनात किया जा रहा है. ये दुश्‍मन की एक-एक हरकत पर नजर रखेंगे. बताया जा रहा है कि ये ड्रोन अपने काम में जुट भी गए हैं. सामरिक विशेषज्ञों के मुताबिक मौजूदा हेरोन ड्रोनों की तुलना में ये कहीं ज्‍यादा एडवांस हैं. पिछले वर्जन की तुलना में इनकी एंटी-जैमिंग क्षमता कहीं बेहतर है.

इमरजेंसी फाइनेंशियल पावर्स के तहत की गई खरीद
इन ड्रोनों की खरीद इमरजेंसी फाइनेंशियल पावर्स के तहत की गई है. मोदी सरकार ने सुरक्षा बलों को इसकी इजाजत दी है. इस क्‍लॉज के तहत रक्षा बल 500 करोड़ रुपये तक के सैन्य साज-ओ-सामान और सुरक्षा सिस्टम की खरीद कर सकते हैं. इसके जरिये वे अपनी युद्ध लड़ने की क्षमताओं में इजाफा करते हैं. पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनातनी बनी हुई है. ऐसे में इस रक्षा खरीद के अलग मायने हैं. सूत्रों ने बताया है कि अन्‍य छोटे या मिनी ड्रोनों को भारतीय फर्मों से खरीदा जा रहा है.

दुश्मन सीमा में 70 किमी घुस कर मार करने में सक्षम
भारतीय सुरक्षा बलों ने चीन से बढ़ते तनाव को देखते हुए इस तरह की खरीद का कदम उठाया है. इसके पहले 2019 में उन्‍हें सरकार से इस तरह की फेसिलिटी मिली थी. तब पाकिस्‍तान में घुसकर आतंकी कैंपों को नेस्‍तनाबूद करने के लिए बालाकोट में एयरस्‍ट्राइक की गई थी. इस सुविधा का इस्‍तेमाल करते हुए भारतीय नौसेना ने दो प्रिडेटर ड्रोन लीज पर लिए हैं. इन्‍हें अमेरिकी फर्म जनरल एटोमिक्‍स से लिया गया है. भारतीय वायु सेना ने इन्‍हीं शक्तियों का इस्‍तेमाल कर बड़ी संख्‍या में एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, लॉन्‍ग-रेंज प्रिसिशन गाइडेड आर्टिलरी शेल इत्‍यादि की खरीद की थी. इनके जरिये दुश्‍मन सीमा में 70 किमी तक घुस कर हमला करने की ताकत भारत के पास आ गई है.