उच्च शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए आवश्यक है नई शिक्षा नीति: निशंक

उच्च शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए आवश्यक है नई शिक्षा नीति: निशंक

गंगोह [24CN] :  एसौचेम द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 14वीं उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ0 रमेश पौखरियाल ”निशंक“ जी द्वारा किया गया। शिखर सम्मेलन में माननीय शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति द्वारा भारतीय शिक्षा पद्धति में होने वाले सकारातमक प्रभावों के विषय में अवगत कराया। शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री जी के आहृवान ‘शिक्षा में अनुसंधान‘ पर जो़र दिया।

शोभित विश्‍वविद्यालय, गंगोह के कुलाधिपति एवं एसौचेम की राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के सह-अध्यक्ष, कुँवर शेखर विजेन्द्र ने इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी विवेकानंद जी के विचार ”जिस शिक्षा से हम अपनी जीवन निर्माण कर सके, मनुष्य बन सके, चरित्र गथन कर सके और विचारों का सामंजस्य कर सके वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है“ को रखते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सराहना की।

Shobhit university

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश की मूल भावना पर आधारित है, यह अतीत को भविष्य से जोडती है। यह नीति जितनी राष्ट्रीय है उतनी ही अंतराष्ट्रीय है। यह नीति उच्च शिक्षा के साथ ग्रामीण एवं शहरी दोंनो क्षेत्रों में व्यवसायिक प्रषिक्षण के लिए नये बुनियादी ढ़ांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देगी। नई शिक्षा नीति का उद्देष्य शिक्षा प्रदान करने के साथ क्षेत्रीय भाषाओं के संदर्भ में भारत की विविधता को प्रस्तुत करना राष्ट्रीय एकता एवं समरसता के अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है।

उन्होंने सुझाव दिया कि नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए एक विस्तृत रोड़ मेप द्वारा दिशा-निर्देष जारी करने की आवश्यकता है जिसने देशभर में शिक्षा नीति के कार्यान्वयन प्रक्रिया सुचारू रूप से प्रारम्भ हो सके। नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए निश्चित समय सीमा निर्धारित करने की भी आवश्यकता है।

इस शिखर सममेलन में देश के प्रमुख शिक्षाविद् एवं डाॅ0 अनिल सहस्त्रबुद्धे, अध्यक्ष, अखिल भारतीय प्रोद्योगिकी शिक्षा परिषद; डाॅ0 श्रीमती पंकज मित्तल, प्रधान सचिव, भारतीय विश्‍वविद्यालय संघ; प्रो0 आशुतोष शर्मा, सचिव, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग; श्री विनीत अग्रवाल, अध्यक्ष, एसौचेम; डाॅ0 प्रशांत भल्ला, श्री विनीत गुप्ता एवं नीरज अरोरा प्रमुख वक्ता रहे।