भारत बंद में संभलकर निकलें घर से: नेटबैंकिंग-एटीएम, आवागमन हो सकता है प्रभावित
सार
- देशव्यापी हड़ताल कल, शामिल होंगे 25 करोड़
- 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने कहा, सरकार से श्रमिक और जन विरोधी नीतियों को वापस लेने की करेंगे मांग
- 60 छात्र संगठन और कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारी भी हो सकते हैं शामिल
10 ट्रेड यूनियन से जुड़े 25 करोड़ लोग होंगे शामिल
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी ने सोमवार को संयुक्त बयान में कहा कि देशव्यापी हड़ताल में कम से कम 25 करोड़ लोगों की भागीदारी की उम्मीद है। सरकार से श्रमिक विरोधी, जन-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग करेंगे।
बयान में कहा गया है कि श्रम मंत्रालय ने 2 जनवरी, 2020 को बैठक बुलाई थी, लेकिन वह अब तक श्रमिकों की किसी भी मांग पर आश्वासन देने में विफल रहा है। सरकार का यह रवैया श्रमिकों के प्रति अवमानना का है। इसके अलावा, बढ़ी फीस और शिक्षा के व्यावसायीकरण के खिलाफ 60 छात्र संगठन और कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारी भी हड़ताल में शामिल हो सकते हैं।
ट्रेड यूनियनों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा और अन्य विश्वविद्यालय परिसरों में ऐसी घटनाओं की निंदा की है। उन्होंने जुलाई, 2015 से एक भी भारतीय श्रम सम्मेलन आयोजित नहीं होने पर नाराजगी जताई। साथ ही श्रम कानूनों की संहिता बनाने और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का भी विरोध किया है।
बैंकिंग सेवाओं पर पड़ेगा असर
सब्जी से लेकर के सार्वजनिक परिवहन पर पड़ेगा असर
आर्थिक मुद्दों पर केंद्र को बदनाम करने की कोशिश : राजनाथ
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के कार्यक्रम में राजनाथ ने कहा, ‘मैंने सीलिंग के मुद्दे पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी से चर्चा की है। उन्होंने इस पर ध्यान देने का भरोसा दिलाया है।’ इससे पहले कैट ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर 10 लाख से अधिक कारोबारियों को सीलिंग की मार से बचाने के लिए कोई योजना लाने का आग्रह किया है।