नेपाल: अपनी कुर्सी बचाने के लिए केपी शर्मा ओली ने भारत संग छेड़ा था सीमा विवाद?

 

  • नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की हो रही थी मांग
  • इसी बीच सामने आया लिपुलेख में भारत के सड़क निर्माण का मुद्दा
  • ओली सरकार ने अपनाया कड़ा रुख, नया नक्शा जारी कर डाला
  • साथ आईं विपक्षी पार्टियां और पार्टी के अंदरूनी खेमे भी एकजुट

काठमांडू
पिछले महीने भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर नेपाल ने इतना कड़ा रुख अपना लिया था कि अपने देश का नया नक्शा ही जारी कर डाला। प्रधानमंत्री ओली ने इस दौरान पार्टी में अपने खिलाफ खड़े लोगों और विपक्षी दलों, दोनों को साथ मिला लिया और इस नक्शे को पारित करने के लिए एकजुटता दिखने लगी। दिलचस्प बात यह है कि एक महीने पहले तक यही विरोधी खेमा ओली से इस्तीफे की मांग कर रहा था। राजनीतिक जानकार इससे अंदाजा लगा रहे हैं कि ओली ने भारत के साथ नक्शे का मुद्दे इतनी आक्रामकता से इसलिए उठाया था, ताकि वह अपनी कुर्सी बचा सकें।

नक्शे ने बचाई कुर्सी?
नेपाल की न्यूज साइट काठमांडू पोस्ट के मुताबिक नेपाली कम्यूनिस्ट पार्टी में पुष्प कमल दहल और सीनियर लीडर माधव कुमार नेपाल के खेमे से ओली के इस्तीफे की मांग की जा रही थी लेकिन अब यहां सन्नाटा छाया हुआ है। माधव के एक साथी के मुताबिक देश में हालात गंभीर हैं और ऐसे में पीएम का इस्तीफा मांगना अनैतिक होगा। हालांकि, विरोधी खेमे का साफ कहना है कि इस मांग को खत्म नहीं किया गया है, बजट और नए नक्शे के पारित होने तक के लिए रोक दिया गया है। पोस्ट ने पार्टी के अंदर कई लोगों के हवाले से दावा किया है कि भारत के साथ सीमा विवाद ने ओली को बचा लिया है।

…इसलिए साथ आईं पार्टियां
जब देश की संसद में संशोधित नक्शा पारित कराने की बात आई तो सभी दलों के लिए एक साथ आने को छोड़कर कोई और विकल्प नहीं बचा था। नक्शे का मुद्दा क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का था। ऐसे में पीएम के इस्तीफे की मांग करने वाला कोई भी शख्स देश-विरोधी हो जाता है। हालांकि, पार्टी के अंदर के सूत्रों का दावा है कि ओली ने भले ही फिलहाल सबको चुप करा दिया हो, आगे जाकर उन्हें कमजोर आधार का नुकसान उठाना पड़ सकता है। बातचीत को तैयार हुआ
हालांकि, नए नक्‍शे में भारत के इलाकों पर अपना अधिकार जताने के बाद, अब नेपाल बातचीत के लिए तैयार है। उसने भारत से कहा है कि वह विदेश सचिवों के बीच वर्चुअल मीटिंग को भी तैयार है। एक डिप्‍लोमैटिक नोट में नेपाल सरकार कहती है कि विदेश सचिव आमने-सामने या वर्चुअल मीटिंग में कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा के मसले पर बात कर सकते हैं।

चीन के इशारे पर अकड़ रहे नेपाल के बदले सुर!

चीन के इशारे पर अकड़ रहे नेपाल के बदले सुर!चीन के बहकावे में आकर नेपाल ने अपने नक्शे में बदलाव किया और भारत के कुछ हिस्सों को भी उसमें शामिल कर लिया। लेकिन इस नए नक्शे को वो अपने ही देश की संसद में मंजूरी नहीं दिला सका है। इससे उसकी सारी हेकड़ी निकल गई और अब वो भारत से बातचीत करने को बेताब है। टॉप न्यूज में देखिए इस खबर को विस्तार से, साथ ही कुछ अन्य बड़ी खबरें।