Gen-Z के आंदोलन से हिला नेपाल, संजय निरुपम बोले, ‘एक पड़ोसी होने के नाते भारत को…’
नेपाल में Gen-Z के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने मंगलवार (9 सितंबर) को इस्तीफा दे दिया. इसके बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल (Ram Chandra Poudel) ने इस्तीफा दे दिया. आंदोलन पर अब शिवसेना नेता संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि एक पड़ोसी देश होने के नाते नेपाल की आग बुझाने में भारत को मदद करनी चाहिए. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि नेपाल में जो हो रहा है,वह सरासर निंदनीय है. किसी भी समस्या का समाधान हिंसा नहीं हो सकती. किसी भी निकम्मी सरकार को उखाड़कर फेंकने का निर्णय ग़लत नहीं है लेकिन उसके लिए जनतांत्रिक तरीक़े का इस्तेमाल होना चाहिए. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश और श्रीलंका में इससे पहले जो हुआ,उसका दर्द आज भी वहां के लोग भोग रहे हैं. राजनीतिक लोगों का जो नुक़सान हुआ, वह टेंपररी था.
नेपाल में क्यों हो रहा है आंदोलन?
दरअसल, नेपाल की सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया. इस फैसले ने वहां के युवाओं को भड़का दिया और आंदोलन पूरे देश में फैल गया. प्रदर्शनकारी सरकार में फैसले भ्रष्टाचार को लेकर भी बहुत गुस्से में हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक को फूंक दिया. इतना ही नहीं, पूर्व प्रधानमंत्रियों के आवास पर भी हमला किया गया.
बालेन शाह को प्रधानमंत्री बनाने की मांग
प्रदर्शनकारियों ने पीएम दफ्तर को आग के हवाले कर दिया. काठमांडू के मेयर बालेन शाह जो Gen-Z आंदोलन के अगुआ भी हैं, उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग हो रही है. बालेन शाह 35 साल के हैं. वो एक पॉपुलर रैपर भी हैं. उन्होंने स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग से एमए की पढ़ाई की है.
बालेन शाह ने की शांति की अपील
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जिन पुलिसकर्मियों ने गोली चलाई उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. कार्रवाई तक ये आंदोलन जारी रहेगा. वहीं बालेन शाह ने युवाओं से शांति बरतने की अपील की है और उन्हें घर जाने को कहा है.
