नेपाल मसला मोदी सरकार की कुशलता पर सवाल : मनु सिंघवी

नेपाल मसला मोदी सरकार की कुशलता पर सवाल : मनु सिंघवी

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने नेपाली संसद में विवादित नक्शे से जुड़े विधेयक के पारित होने की पृष्ठभूमि में आरोप लगाया कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में आई कड़वाहट से केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशलता पर सवाल खड़ा होता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मामले पर कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष को विश्वास में ले तथा दोनों देशों की सरकारें बातचीत के माध्यम से तत्काल इस मामले का समाधान करें।

गौरतलब है कि नेपाल की संसद ने शनिवार को देश के राजनीतिक नक्शे को संशोधित करने से जुड़े एक विधेयक को पारित करते हुए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा इलाकों पर दावा किया। भारत दशकों से इन क्षेत्रों को अपना मानता रहा है।

इस मामले पर सिंघवी ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा, ‘‘ भारत एवं नेपाल के पुरातन और आधुनिक घनिष्ठ संबंधों की जो विरासत है, उस संदर्भ में ये गतिविधियां अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। कारण चाहे कुछ भी हों, चाहे चीन का गलत हस्तक्षेप हो, नेपाल की निजी आंतरिक राजनीतिक जरूरतें हों या दोनों देशों में संवादहीनता हो। लेकिन किसी को भी इस दयनीय स्थिति के लिए उपयुक्त कारण नहीं माना जा सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मोदी सरकार और :के पी : ओली सरकार- दोनों के लिए तुरंत इसका हल निकालना अनिवार्य है।’’

प्रधानमंत्री मोदी के चीन दौरों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘ भारत का कोई प्रधानमंत्री इतनी बार चीन की यात्रा पर नहीं गया जितनी बार वर्तमान प्रधानमंत्री गए हैं। न ही किसी प्रधानमंत्री ने महाबलीपुरम से लेकर अहमदाबाद तक तस्वीरें खिंचवाई। दुर्भाग्य है कि इतनी यात्राओं, वक्तव्यों, तस्वीरें खिंचवाने और वार्तालापों के बाद कुछ नहीं निकला। यह कहीं न कहीं इस सरकार और प्रधानमंत्री की कुशलता पर सवाल खड़े करता है।’’

सिंघवी के मुताबिक पूरा देश और हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भारत सरकार और देश के साथ हैं। लेकिन अगर आप हमें राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखेंगे तो राष्ट्रहित पर दुष्प्रभाव पड़ता है।