UP में ना टीचर भर्ती रुकेगी, ना कोई पद समाप्त होगा… स्कूलों के मर्जर पर बेसिक शिक्षा मंत्री की दो टूक, विपक्ष पर लगाया ये आरोप

UP में ना टीचर भर्ती रुकेगी, ना कोई पद समाप्त होगा… स्कूलों के मर्जर पर बेसिक शिक्षा मंत्री की दो टूक, विपक्ष पर लगाया ये आरोप

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बेसिक शिक्षा व्यवस्था में सुधार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयासों पर गुरुवार विस्तृत बयान जारी किया. उन्होंने स्कूल मर्जर, शिक्षक भर्ती, निपुण भारत मिशन, बाल वाटिका, और बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे कई मुद्दों पर सरकार की रणनीति को स्पष्ट किया. साथ ही, समाजवादी पार्टी (सपा) की ‘पीडीए पाठशाला’ की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी सरकार में बच्चों का हक छीना गया और स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं थीं.

मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि स्कूल मर्जर का निर्णय छात्रों और प्रदेश के हित में लिया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 10,000 स्कूलों को मर्ज करने के लिए चिह्नित किया गया है, जिनमें 50 से कम छात्र हैं. यह मर्जर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत छात्र-शिक्षक अनुपात (30:1 प्राथमिक और 35:1 उच्च प्राथमिक) को बनाए रखने के लिए किया जा रहा है.

मर्जर का निर्णय नया नहीं

उन्होंने कहा, “यह कोई नया निर्णय नहीं है. 2024 से इसकी चर्चा और तैयारी शुरू हो चुकी थी. राजस्थान में 2014 में 20,000 स्कूल, मध्य प्रदेश में 51,000 स्कूल, और हिमाचल प्रदेश व ओडिशा में भी बड़े पैमाने पर स्कूल मर्जर हो चुके हैं.” उन्होंने भरोसा दिलाया कि 1 किलोमीटर से अधिक दूरी वाले स्कूलों का मर्जर नहीं होगा, और यदि छात्रों को असुविधा होती है, तो कम छात्रों वाले स्कूल भी चलते रहेंगे. अगले एक सप्ताह में मर्जर प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है.

विपक्ष का दावा भ्रामक

संदीप सिंह ने स्कूल बंद करने के दावों को भ्रामक बताया और कहा, “यूपी में एक भी स्कूल बंद नहीं होगा. खाली स्कूलों में प्री-प्राइमरी शिक्षा के लिए बाल वाटिका शुरू की जाएगी. भविष्य में छात्रों की संख्या बढ़ने पर इन स्कूलों का उपयोग फिर से होगा.”

निपुण भारत मिशन और इंग्लिश शिक्षा

मंत्री ने निपुण भारत मिशन के तहत यूपी के 46,000 से अधिक स्कूलों को निपुण घोषित किए जाने पर गर्व जताया. उन्होंने कहा कि हर सरकारी स्कूल में अब इंग्लिश पढ़ाई जा रही है, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है. सपा की ‘पीडीए पाठशाला’ की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, “जिन्होंने अपनी सरकार में बच्चों का हक छीना और स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं दीं, उन्हें शिक्षा पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है.”

शिक्षक भर्ती और समायोजन

69,000 शिक्षक भर्ती मामले पर संदीप सिंह ने कहा कि सरकार कोर्ट के फैसले का पालन करेगी और किसी भी कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि पहले कुछ शिक्षक अपनी सैलरी से दूसरों को पढ़ाने के लिए नियुक्त करते थे, लेकिन अब हर शिक्षक स्वयं पढ़ा रहा है. इसके अलावा, 20,182 शिक्षकों का सहमति से समायोजन पूरा किया गया है, और शिक्षकों के स्वीकृत पदों को किसी भी कीमत पर समाप्त नहीं किया जाएगा. नई शिक्षक भर्तियों पर उन्होंने कहा, “शिक्षक भर्ती नहीं रुकेगी. तय छात्र-शिक्षक अनुपात को पूरा करने के लिए आवश्यक भर्तियां की जाएंगी.”

जर्ज़र स्कूलों का नवीनीकरण

मंत्री ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में 7,000 से अधिक जर्ज़र स्कूलों को दुरुस्त किया गया है, और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है. उन्होंने स्वीकार किया कि सभी स्कूलों को एक साथ ठीक करना संभव नहीं है, लेकिन सरकार इस दिशा में प्रतिबद्ध है. “हमारा लक्ष्य हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है,” उन्होंने कहा.

बाल वाटिका और प्री-प्राइमरी शिक्षा

संदीप सिंह ने बाल वाटिका योजना को लेकर उत्साह जताया, जिसके तहत 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए अलग पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. उन्होंने कहा, “15 अगस्त तक खाली स्कूलों में बाल वाटिका शुरू हो जाएगी. इसके लिए विभिन्न खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी और एडुकेटर्स की नियुक्ति भी जल्द की जाएगी.” यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्री-प्राइमरी शिक्षा को बढ़ावा देने का हिस्सा है.

अभिभावकों की शिकायतों का समाधान

मंत्री ने अभिभावकों को आश्वस्त किया कि वे अपनी समस्याओं को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय में दर्ज कर सकते हैं, और त्वरित समाधान की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा, “हमारी सरकार पारदर्शी और जवाबदेह है. अभिभावकों की हर शिकायत का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा.”

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुपालन

संदीप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का पूरी तरह अनुपालन किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि बीते आठ वर्षों में बेसिक शिक्षा में “जमीन-आसमान का अंतर” आया है. “2017 से पहले सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं थीं. अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल भेजने से घबराते थे. लेकिन इस वर्ष 27.53 लाख नए बच्चों का नामांकन हुआ, जो हमारी शिक्षा व्यवस्था में विश्वास को दर्शाता है.”

विपक्ष पर निशाना

मंत्री ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार में स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, और शौचालय तक नहीं थे. “सपा की पीडीए पाठशाला ने बच्चों का भविष्य अंधेरे में डाला. हमारी सरकार ने स्कूलों को स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी, और बेहतर बुनियादी ढांचे से लैस किया है.”