‘वंदे मातरम के नेहरू ने किए टुकड़े’, अमित शाह ने राज्यसभा में दिया बड़ा बयान, सदन में मच गया हंगामा
राज्यसभा में वंदे मातरम पर हो रही चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीखा बयान देते हुए कहा कि इस राष्ट्रगीत के महत्व को बार-बार विवादों में घसीटा गया है. उनका कहना था कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को जगाने वाला मंत्र है, जिसकी शक्ति ने आज़ादी की लड़ाई में लाखों लोगों को प्रेरित किया. उन्होंने आरोप लगाया कि जवाहर लाल नेहरू ने वंदे मातरम के टुकड़े किए.
अमित शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि कुछ दल वंदे मातरम की चर्चा को बंगाल चुनाव से जोड़कर उसका महत्व कम करने की कोशिश कर रहे हैं. शाह ने कहा कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इस गीत की रचना बंगाल में की, लेकिन इसका संदेश पूरे भारत में बिजली की तरह फैल गया और आज भी राष्ट्र को एकजुट करता है. अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों ने जब वंदे मातरम पर पाबंदियां लगाईं, तब बंकिम चंद्र ने साफ कहा था कि चाहे उनकी बाकी रचनाएं गंगा में बहा दी जाएं, लेकिन वंदे मातरम की शक्ति अनंत काल तक जीवित रहेगी. शाह के अनुसार, बंकिम चंद्र के ये शब्द आज पूरी तरह सच साबित हुए हैं.
भारत सिर्फ जमीन नहीं, हमारी मां है-अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि भारत की मिट्टी को मां के रूप में पूजने की परंपरा हजारों साल पुरानी है. वंदे मातरम ने इसी भाव को राष्ट्र के मन में दोबारा जगाया और स्वतंत्रता संग्राम में इसे शक्ति का स्रोत बनाया. उन्होंने महर्षि अरविन्द का भी हवाला दिया, जिन्होंने वंदे मातरम को “आध्यात्मिक शक्ति जगाने वाला मंत्र” बताया था.
शाह का आरोप—कांग्रेस ने वंदे मातरम को दो हिस्सों में बांटा
गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि 1937 में वंदे मातरम की स्वर्ण जयंती के दौरान जवाहर लाल नेहरू ने गीत को दो अंतरों तक सीमित कर दिया. शाह के इस बयान पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया, लेकिन उन्होंने अपना तर्क दोहराते हुए कहा कि वंदे मातरम की चर्चा से बचने की मानसिकता आज भी कांग्रेस में दिखाई देती है.इससे पहले लोकसभा में प्रियंका गांधी ने कहा था कि वंदे मातरम पर इस समय चर्चा की कोई आवश्यकता नहीं है.
