नई दिल्‍ली। पाकिस्तान के पत्रकार नुसरत मिर्जा के दावों पर देश में गरमाई सियासत के बीच एक नया मोड़ आ गया है। अखिल भारतीय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि हमने पाकिस्तानी पत्रकार (नुसरत मिर्जा) को आमंत्रित नहीं किया था। हमने उन्हें न तो आमंत्रित किया और न ही उन्होंने हमारे सम्मेलन में भाग लिया। यह एक अन्य सम्मेलन था। अग्रवाल ने बताया कि जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम की ओर से आतंकवाद पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मंच पर पाकिस्‍तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा और हामिद अंसारी मंच पर मौजूद थे।

वहीं हामिद अंसारी के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति अपने पहले के बयान पर कायम हैं कि वह पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को नहीं जानते थे। उन्‍होंने नुसरत मिर्जा को किसी भी सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया था।

समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक अखिल भारतीय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल (Adish Aggarwala, Chairman, All India Bar Association) ने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकार (नुसरत मिर्जा) और हामिद अंसारी ने आतंकवाद पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत की थी। सरकार को इस मामले की जांच शुरू करनी चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और जासूसी से संबंधित मामला है।

आदिश अग्रवाल (Adish Aggarwala, Chairman, All India Bar Association) ने कहा कि हामिद अंसारी और जयराम रमेश ने 11 और 12 दिसंबर 2010 को विज्ञान भवन में आयोजित आतंकवाद और मानवाधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उल्लेख किया था, न कि 27 अक्टूबर 2009 को ओबेराय होटल नई दिल्ली में आयोजित जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम द्वारा आयोजित आतंकवाद पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का…

आदिश अग्रवाल (Adish Aggarwala, Chairman, All India Bar Association) ने कहा कि 2009 के सम्मेलन में हामिद अंसारी, दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम, नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला समेत अन्य मुस्लिम नेताओं ने भाग लिया था। हामिद अंसारी और उनके दोस्त ‘मा मस्जिद यूनाइटेड फोरम’ (ma Masjid United Forum’s Conference) के सम्मेलन में नुसरत मिर्जा के साथ मंच साझा कर रहे थे।

आदिश अग्रवाल (Adish Aggarwala) ने कहा कि ऐसा मालूम पड़ता है कि हामिद अंसारी और जयराम रमेश ने लोगों और सरकारी एजेंसियों को गुमराह करने के लिए जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम के सम्मेलन के बारे में जानकारी देनी उचित नहीं समझी। संभवतः उन्होंने न्यायविदों के सम्मेलन का जिक्र करना उचित समझा ताकि अंसारी को क्लीन चिट दी जा सके।

आदिश अग्रवाल ने कहा कि हामिद अंसारी और जयराम रमेश समेत अन्य कांग्रेस नेताओं के दिए गए बयान स्पष्ट रूप से असत्य और भ्रामक हैं। यह हैरान करने वाली बात है कि देश का एक पूर्व उपराष्ट्रपति पर ऐसे गंभीर आरोप लग रहे हैं। यही नहीं लोगों का ध्‍यान भटकाने के लिए एक असंबद्ध घटना के पीछे खुद को छिपने की कोशिश की जा रही है। मैं दोहराता हूं कि हामिद अंसारी और उनके दोस्त जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम के सम्मेलन में नुसरत मिर्जा के साथ भाईचारा निभा रहे थे।

एएनआइ के मुताबिक अग्रवाल ने कहा कि जब सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा था, तब इसमें भाग लेने का निमंत्रण हामिद अंसारी को भारत के उपराष्ट्रपति के तौर पर भेजा गया था। उस समय राष्ट्रपति सचिवालय ने मुझे सूचित किया था कि उपराष्ट्रपति चाहते हैं कि पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को सम्मेलन में आमंत्रित किया जाए। लेकिन हमने इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया क्योंकि मिर्जा पाकिस्तान मीडिया से थे और हमने पाकिस्तान के न्यायाधीशों या वकीलों को आमंत्रित नहीं किया था।