मुश्किल में नवनीत राणा, कर दी ये बड़ी गलती दोबारा जाना पड़ सकता है जेल

मुश्किल में नवनीत राणा, कर दी ये बड़ी गलती दोबारा जाना पड़ सकता है जेल
  • हनुमान चालीसा विवाद में 12 दिन जेल में रहने के बाद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को सशर्त जमानत तो मिल गई थी। लेकिन मिली जानकारी के अनुसार नवनीत राणा ने जमानत आदेश में रखी शर्तों का उल्लंघन किया है।

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार सोमवार को अमरावती से लोकसभा सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) उनके विधायक पति रवि राणा (Ravi Rana) की जमानत (Bail) को चुनौती दे सकती है। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक (Special Public Prosecutor) प्रदीप घरत ने कहा, “मैंने नवनीत राणा और रवि राणा की कुछ क्लिप भेजी हैं। उन क्लिप को ध्यान से देखने के बाद, मैं संतुष्ट हूं कि उनकी बातचीत उन्हें दिए गए जमानत आदेश में रखी गई शर्तों का उल्लंघन है। मैं कर्तव्यबद्ध हूं कि इसे अदालत के सामने रखूं। मैं सोमवार को अदालत से उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने और उन्हें हिरासत में लेने का अनुरोध करूंगा।

बुधवार को जेल से रिहा हुए थे राणा दंपती

गौरतलब है कि मुंबई की सत्र अदालत ने बुधवार को राणा दंपती को जमानत दे दी थी, जिन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा के बाद गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को भायखला जेल से रिहा होने के बाद नवनीत राणा को मेडिकल चेकअप के लिए मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छाती, गर्दन और शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द के साथ-साथ स्पॉन्डिलाइटिस की शिकायत के बाद शनिवार को लीलावती अस्पताल में उनका एमआरआई स्कैन और पूरे शरीर का चेकअप हुआ था।

सशर्त मिली जमानत का किया उल्‍लंघन

राणा दंपती को 12 दिन जेल में रहने के बाद कोर्ट से जमानत मिल थी। जमानत देते समय अदालत ने कई शर्तें भी रखी थीं, जिनका उल्लंघन करते हुए जमानत रद की जा सकती थी। ऐसी ही एक शर्त में यह भी शामिल है कि नवनीत राणा और उनके पति मामले को लेकर मीडिया में कोई बयान जारी नहीं कर सकते। हालांकि नवनीत राणा ने अस्पताल से छुट्टी मिलते ही मीडिया से बात की और गिरफ्तारी को लेकर बयान दिया

बता दें कि राणा दंपती को 23 अप्रैल को उनके मुंबई आवास से गिरफ्तार किया गया था। राणा दंपति ने घोषणा की थी कि वे बांद्रा में उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। दोनों पर राजद्रोह, दुश्मनी को बढ़ावा देने और कर्तव्य के निर्वहन को रोकने के लिए एक लोक सेवक पर हमला करने के आरोप में दो प्राथमिकी दर्ज की गईं थी।

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