नौसेना अफसर कुमुदिनी त्यागी के पैतृक गांव में खुशी का माहौल, पढ़िए कैसे पाई सफलता
भारतीय नौसेना में हेलिकॉप्टर बेडे़ में आब्जर्वर चुनी गईं कुमुदिनी त्यागी इस मुकाम तक बिना कोचिंग के पहुंची हैं। उनके पैतृक गांव खरखौदा में खुशी का माहौल है। बेटी की इस सफलता से परिवार के लोग भी बेहद खुश है।
कुमुदिनी का परिवार मूलरूप से मेरठ के कस्बा खरखौदा के मोहल्ला रास निवासी है। उनके दादा आठ भाई थे। कुमुदिनी के दादा सुरेश त्यागी, बड़े दादा मंगू सिंह त्यागी त्यागी (85 वर्ष) उत्तर प्रदेश पुलिस में रह चुके हैं, जबकि सोमदत्त त्यागी (67 वर्ष) डाक विभाग से सेवानिवृत्त हैं।
कस्बा खरखौदा में रह रहे सोमदत्त त्यागी ने बताया कि करीब 35 वर्ष पूर्व भाई सुरेश त्यागी ने गाजियाबाद के संजय नगर में ही मकान बना लिया था। इसके बाद वह परिवार के साथ गाजियाबाद चले गए। कई साल पहले भाई सुरेश त्यागी का निधन हो चुका है। पिता के नाम कस्बा खरखौदा में कृषि भूमि भी है। प्रवेश त्यागी का गांव में आना जाना लगा रहता है, लेकिन कुमुदिनी और अन्य परिजन शादी समारोह आदि में ही गांव आते हैं। पिता प्रवेश त्यागी ने बताया कि कुमुदिनी ने बिना कोचिंग के तैयारी की थी।