रमजान के पहले जुमा की नमाज नमाजियों ने अकीदत के साथ पढी
- सीएए को लेकर किसी भी तरह के प्रदर्शन की सम्भावना के चलते पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा।
देवबंद: धार्मिक नगरी देवबंद में रहमत और बरकत के महीने रमजान मुबारक के पहले जुमा की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई। नमाज के बाद रोजेदारों ने अल्लाह की बारगाह में हाथ उठाकर देश में अमनो अमान और समृद्धि की दुआ मांग। जुमा की नमाज के बाद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर किसी भी तरह के प्रदर्शन की सम्भावना के चलते पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा।
प्रसिद्ध रशीदिया मस्जिद में जुमा की नमाज दारुल उलूम देवबंद के उस्ताद मौलाना सलमान बिजनौरी ने अदा कराई। नमाज के बाद उन्होंने रमजान के महीने की फजीलत और रोजों की अहमियत पर ब्यान किया। बताया कि रमजान माह का पहला अशरा रहमत, दूसरा अशरा कब्र के अजाब से मगफिरत व तीसरा अशरा दोजख से निजात का है। इसलिए लोगों को खूब इबादत कर अपने रब को राजी करना चाहिए। अंत में देश में अमनो अमान, समृद्धि और मुसलमानों की सुरक्षा के लिए दुआ हुई। नगर की मरकजी जामा मस्जिद में पेश इमाम, दारुल उलूम की मस्जिद कदीम में पेश इमाम और छत्ता मस्जिद में मुफ्ती अफ्फान मंसूरपुरी ने जुमा की नमाज अदा कराई। इनके अलावा शहर व देहात की तमाम बड़ी मस्जिदों में अकीदतमंदों ने जुमा की नमाज अदा की जिसके बाद शांतिपूर्वक अपने घरों को लौट गए।
हालांकि जुमा की नमाज के बाद सीएए के विरोध में किसी भी तरह के प्रदर्शन की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। नगर की तमाम बड़ी मस्जिदों व चैक चैराहों पर पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अजय जैन स्थानीय अधिकारियों के साथ दारुल उलूम क्षेत्र में गश्त करते रहे।