नाग देवता कुंडली में समाहित है सम्पूर्ण सृष्टि: कालेंद्रानंद

- सहारनपुर में नाग पंचमी पर दुग्धाभिषेक करते श्रद्धालु।
सहारनपुर। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि सम्पूर्ण सृष्टि ही नाग देवता कुंडली में समाहित है। श्री कालेंद्रानंद महाराज आज यहां राधा विहार स्थित औघड़दानी नंदेश्वर महादेव मंदिर में नाग पंचमी पूजा रूद्राभिषेक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सृष्टि नागदेव की कुंडली में समाहित है। जब भी कोई साधक तप के मार्ग से ब्रह्म मार्ग में जाना चाहता है।
सर्वप्रथम उसे अपनी कुंडली का ही भेदन करना होता है। यह कुंडली सर्प द्वारा बाधित होती है अर्थात सर्प ही कुंडली रूप है। जैसे पूरे ब्रह्मांड की रचना हुई है, वैसे ही जीव के शरीर की रचना हुई है। जिस शरीर में जीवन में व परिवार में सर्प दोष होता है उसे अन्य दोष स्वभाव से ही लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि शिवजी पर श्रावण मास की नागपंचमी को दूध से अभिषेक करने और नाग नागिन का जोड़ा चढ़ाने से पितृ दोष, सर्प दोष, काल सर्प दोष, छाया दोष आदि दोषों का समन होता है।
प्राकृतिक आधार पर नाग प्रकृति के मित्र बताए गए हैं क्योंकि वह प्रकृति का संरक्षण करते हैं। इस अवसर पर अरूण स्वामी, मेहर चंद जैन, राजेंद्र धीमान, अश्विनी काम्बोज, मुकेश काम्बोज, रमेश शर्मा, नरेश चंदेल, सागर गुप्ता, अभिषेक पुंडीर, वर्षा, किरण, बबली, बबीता, सुनीता, सुमन, सुचेता, उमा, पूनम, रेखा आदि मौजूद रहे।