मुजफ्फरनगर भोजन टेंडर प्रकरण: तहसीलदार सदर निलंबित, एसडीएम-एडीएम से जवाब तलब
मुजफ्फरनगर डीएम सेल्वा कुमारी जे ने बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही फर्म को क्वारंटीन किए गए श्रमिकों के भोजन का टेंडर देने के मामले में तहसीलदार सदर पुष्करनाथ चौधरी को निलंबित कर दिया है।
शनिवार रात में ही करीब 12 बजे आदेश तामील कराकर उनका चार्ज तहसीलदार न्यायिक जयेंद्र सिंह को दे दिया गया। एडीएम प्रशासन अमित सिंह को छुट्टी पर भेज दिया गया। अब एसडीएम सदर अशोक कुमार और एडीएम प्रशासन से जवाब तलब किया गया है।
टेंडर छोड़ने के लिए एडीएम प्रशासन अमित सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी, जिसमें एसडीएम सदर और तहसीलदार सदर भी सदस्य थे। खतौली की जिस फर्म अन्नपूर्णा एग्रो को यह टेंडर दिया गया, उसका रजिस्ट्रेशन 20 फरवरी को समाप्त हो गया था।शनिवार को फर्म के फ्लोर मिल पर सील लगा दी गई थी।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के फर्म को कुछ भुगतान भी कर दिया गया। यह मामला नोडल अधिकारी आरएन यादव के शुक्रवार को चरथावल स्थित क्वारंटीन सेंटर के निरीक्षण के दौरान सामने आया था। उनसे मजदूरों के भरपेट भोजन नहीं देने और खाने की खराब गुणवत्ता की शिकायतें की थी। इसके बाद मामले में जांच शुरू हुई।
बिना अनुमति फर्म को किया भुगतान, एसडीएम सदर और एडीएम प्रशासन पर भी गाज गिराने की तैयारी
बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही फर्म को क्वारंटीन किए गए श्रमिकों के भोजन का टेंडर जिस फर्म को दिया गया, उसे कुछ भुगतान भी बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कर दिया गया। शासन तक मामला पहुंचने के बाद गाज गिरनी शुरू हो गई है। तहसीलदार सदर पुष्करनाथ चौधरी को निलंबित करने के बाद एसडीएम सदर और एडीएम प्रशासन से भी जवाब मांगा गया है।
भोजन टेंडर प्रकरण में हुए घालमेल का मामला शासन से भेजे गए नोडल अधिकारी आरएन यादव के चरथवल क्वारंटीन सेंटर के निरीक्षण के दौरान सामने आया था। चरथावल में मजदूरों ने नोडल अधिकारी आरएन यादव के सामने भोजन समय पर नहीं मिलने, घटिया गुणवत्ता और भरपेट भोजन नहीं होने की शिकायत की थी।
मजदूरों ने यह भी बताया कि इससे पहले उन्हें भरपेट भोजन मिल रहा था, अचानक किसी कंपनी को ठेका दे दिया गया और यहां की व्यवस्था खत्म कर दी गई। नोडल अफसर ने इस मामले में डीएम से बात की, इसके बाद जांच और कार्रवाई शुरू हुई।
डीएम ने शनिवार को ही खतौली में फर्म के फ्लोर मिल पर सील लगवाई। खाद्य सामग्री के नमूने खाद्य विभाग की टीम ने लिए। तहसील सदर की भुगतान की फाइल देखी गई। पाया गया कि कुछ भुगतान बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कर दिया गया है। अन्नपूर्णा एग्रो को टेंडर छोड़ने में तीनों अफसरों को जिम्मेदार मानते हुए डीएम ने कड़ी कार्रवाई की।
रातोरात की गई कार्रवाई
डीएम ने आपातकाल में मिले अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए तहसीलदार सदर पुष्करनाथ चौधरी को काम की लापरवाही और बिना अनुमति के भुगतान के मामले में सस्पेंड कर दिया। शनिवार को रात में 12 बजे ही आदेश उन्हें तामील कराए गए। उनके स्थान पर सदर तहसील के तहसीलदार न्यायिक जयेंद्र सिंह को चार्ज दिया गया है।
डीएम ने रात्रि में ही एडीएम प्रशासन अमित सिंह और एसडीएम सदर अशोक कुमार को नोटिस जारी करते हुए टेंडर प्रकरण में उनसे जवाब मांगा है। टेंडर छोड़ने के लिए एडीएम प्रशासन अमित सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्य कमेटी गठित की गई थी। कमेटी में एसडीएम सदर और तहसीलदार सदर सदस्य थे।
एडीएम प्रशासन का काम आलोक कुमार को मिला
16 मई तक अवकाश पर भेजे गए एडीएम प्रशासन अमित सिंह का काम फिलहाल एडीएम वित्त आलोक कुमार को दिया गया है। लॉकडाउन के बीच पास बनाने से लेकर अन्य सभी कार्य वही देखेंगे।