लखनऊ: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने दो नेताओं को पार्टी से हटा दिया है। इस पर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा है कि भाजपा की अपने प्रवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। इसके साथ ही पर्सनल ला बोर्ड ने कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने सोमवार को कहा कि पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी के लिए भाजपा की अपने प्रवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। बोर्ड ने दोनों नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने एक बयान में कहा कि आस्था के प्रतीकों के अपमान को रोकने एवं ऐसे मामलों में कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए कानून बनाया जाना चाहिए।
बोर्ड की ओर से सोमवार को ट्वीट किया गया कि एक ऐसा कानून बनाया जाए जो पवित्र व्यक्तियों या विभिन्न धर्मों के प्रति आस्था के प्रतीकों के अपमान को अपराध घोषित करे। ताकि ऐसे कत्यों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल और उचित कानूनी कार्रवाई की जा सके।
भाजपा ने रविवार को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित और दिल्ली मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को विवादास्पद टिप्पणी के लिए निष्कासित कर दिया था। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने कहा कि भाजपा पदाधिकारियों की टिप्पणी से देश के सभी मुसलमानों को ठेस पहुंची है। वैश्विक स्तर पर इससे देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। बोर्ड के सचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि टिप्पणी के खिलाफ विरोध ‘स्वाभाविक और उचित’ था।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव ने सरकार से आग्रह किया है कि ऐसा कानून बनाया जाए जो विभिन्न धर्मों के पवित्र व्यक्तित्वों (आस्था के प्रतीकों) के अपमान को निंदनीय अपराध घोषित करता हो और उस पर तत्काल और उचित कानूनी कार्रवाई हो सके। रहमानी ने इस मामले को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन को उचित और स्वाभाविक करार देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध जिस प्रकार एकतरफा और भेदभावपूर्ण कार्रवाई की जा रही है वह अफसोसनाक और निंदनीय है।