काम के आगे चले और लोगों को समस्या का समाधान दें: नगरायुक्त

काम के आगे चले और लोगों को समस्या का समाधान दें: नगरायुक्त
  • सहारनपुर में जलकल व स्वास्थय विभाग की बैठक को संबोधित करते नगरायुक्त संजय चौहान।

सहारनपुर। नगरायुक्त संजय चौहान ने शहर के जल भराव वाले निचले इलाकों में जल निकासी के लिए स्वास्थय व जलकल विभाग को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है उन क्षेत्रों में फिलहाल कच्चे नाले बनाये जायें और सभी जोनल पम्पिंग स्टेशनों को पूरी तरह दुरुस्त कराकर उन्हें चालू किया जाए।

उन्होंने कहा कि हमें काम के आगे चलना है और मानवीय दृष्टिकोण के साथ लोगों को समस्या का समाधान देना है। लोगों को निगम के कारण कम से कम परेशानी हो, यह देखना निगम का दायित्व है। उन्होंने शहर को जोन और सेक्टर में बांटकर कार्य करने और उसकी लगातार निगरानी के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। नगरायुक्त संजय चौहान जलकल व स्वास्थय विभाग के अधिकारियों के साथ नालों की साफ सफाई और शहर में जलभराव समस्या के लिए की गयी तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समस्या पैदा होने से पहले ही उसके समाधान के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि हम ये दावा तो नहीं कर सकते कि जलभराव नहीं होगा लेकिन यह कोशिश अवश्य कर सकते है कि जितना जल भराव गत वर्ष हुआ था, उतना इस वर्ष न होने दें।

उन्होंने शहर के सभी छोटे-बडेघ् नालों की साफ सफाई की जानकारी लेते हुए भूमिगत नालों की सफाई प्रोफेशनल लोगों से सुरक्षा उपकरणों के साथ कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी सफाई निरीक्षकों से कहा कि वे अपने-अपने वार्ड का नक्शा रखें और उसमें नालों की संख्या, कौन सा नाला कहां से शुरु हो रहा है और कहां समाप्त हो रहा है, उसमें इसकी पूरी जानकारी रहनी चाहिए। अधिकारियों ने नगरायुक्त को बताया कि शहर में 39 स्थानों पर जलभराव होता था, तीन स्थानों पर समस्या का निदान करा दिया गया है लेकिन 36 स्थानों पर अभी जलभराव की समस्या रहती है। नगरायुक्त ने कहा कि कितने स्थानों पर जलभराव अधिक समय तक और कितने स्थानों पर बारिश के दो तीन घंटे तक रहता है, उन्हें अलग-अलग चिन्हित करें। उन्होंने सफाई निरीक्षकों से कहा कि उनके किस क्षेत्र में जलभराव रहता है, उसकी जानकारी के साथ जल निकासी पर सुझाव भी दें।

उन्होंने कहा कि आचार संहिता के कारण अभी कोई नया निर्माण संभव नहीं है। आचार संहिता हटने के बाद टेंडर प्रक्रिया और फिर कार्य शुरु होने में काफी समय लग सकता है, तब तक जुलाई आ जायेगा और बारिश शुरु हो जायेगी। इसलिए जरुरी है कि जल भराव समाधान के लिए कार्ययोजना बनाकर अभी से काम शुरु किया जाए, ताकि शहर के लोगों को अधिक परेशानी न हो। नगरायुक्त ने जलभराव वाले क्षेत्रों में फिलहाल कच्चे नाले बनाने का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि यदि इन नालों के माध्यम से जल निकासी का समाधान होता है तो उन नालों को पक्का करा दिया जायेगा, और यदि किसी क्षेत्र में यह प्रयोग विफल रहता है तो उसके लिए दूसरा समाधान खोजा जायेगा। उन्होंने सफाई निरीक्षकों से कहा कि वे निर्माण विभाग के जेई के साथ अपने अपने क्षेत्र में एक सप्ताह के भीतर इसका सर्वे कर लें और प्रस्ताव प्रस्तुत करें। उन्होंने ऐसे नालों और उनकी कनेक्टिविटी की गूगल मैपिंग कराने के भी निर्देश दिए। बैठक में अपर नगरायुक्त एस के तिवारी, महाप्रबंधक जल बी के सिंह, अधिशासी अभियंता जल वी बी सिंह, नगर स्वास्थय अधिकारी रमेश चंद गुप्ता, जेडएसओ राजीव चौहान, मुख्य सफाई निरीक्षक चंद्रपाल व इंद्रपाल आदि मौजूद रहे।


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