Mumbai Corona News: कोरोना से मरने वाले हिंदुओं का अंतिम संस्कार कर रहे मुसलमान

Mumbai Corona News: कोरोना से मरने वाले हिंदुओं का अंतिम संस्कार कर रहे मुसलमान

 

  • बारिश और संक्रमण के खतरे के बीत अंतिम संस्कार कर रहे लोग
  • आरे श्मशान भूमि में मुस्लिम कर रहे हिंदुओं की लाशों का क्रियाकर्म
  • इन लाशों के साथ न तो कोई परिजन रहता है, न ही बीएमसी या पुलिस

मुंबई
जब ज्यादातर लोग कोरोना से बचने के लिए घरों में कैद हैं, ऐसे में कुछ लोग हैं जो मूसलाधार बारिश और कोरोना जैसी महामारी की परवाह न करते हुए लोगों के अंतिम संस्कार कर रहे हैं। वह भी कोई सामान्य लोगों के नहीं, बल्कि उनकी जो कोविड-19 वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं। मुंबई के पश्चिमी उपनगर स्थित आरे बैकुंठ धाम में इंसानियत की मिसाल पेश करने वाले ऐसे ही कुछ लोग पिछले एक सप्ताह से कोविड संक्रमित लाशों को अंतिम विदाई देने के लिए आ रहे हैं।

श्मशान भूमि की बिजली वाली भट्टी खराब होने की वजह से लाशों को जलाने में दिक्कत हो रही थी। इसलिए सात सदस्यों की इस टोली ने बीएमसी से गुजारिश कर बिजली की मशीन शुरू करने की मांग की। बीएमसी की मदद कर रहे इन लोगों के कार्यों को देख बीएमसी के अधिकारियों ने आरे श्मशान भूमि की बिजली से चलने वाली भट्टी शुरू कर दी। जहां बरस रही आसमानी आफत वाली बरसात के बीच इकबाल मेहतर और ऐम्बुलेंस चालक रहमान के साथ-साथ सादिक और उनके साथियों ने हिंदुओं की लाशों का क्रियाकर्म कर अंतिम संस्कार किया।

इकबाल मेहतर ने बताया कि कोरोना काल में वे लोग अस्पतालों से लाशों को लेकर उनका अंतिम संस्कार करते हैं। ये लोग हिंदओं को श्मशान भूमि में, मुस्लिमों को कब्रिस्तान में और कैथलिक को क्रिश्चन कब्रिस्तान में दफनाने का काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने गुरुवार और शनिवार को आरे श्मशान भूमि में शताब्दी और कूपर अस्पताल से लाई गईं कोविड संक्रमित लाशों के अंतिम संस्कार किए। इन लाशों के साथ न तो कोई परिजन रहता है और न ही बीएमसी या पुलिसवाले। यही लोग उनका अंतिम संस्कार करते हैं।

रहमान ने बताया कि लोग अपने-अपने मतलब के लिए हिंदू-मुस्लिम के नाम पर लड़ रहे हैं। यहां श्मशान घाट पर हिंदुओं की लाशों को हम मुस्लिम लोग अंतिम संस्कार कर रहे हैं। हमारे लिए जाति-पाति से बड़ा धर्म इंसानियत का है। यह सिलसिला कोरोना काल से जारी है और आगे भी रहेगा। अभी तक हमने सैकड़ों चिताओं को अग्नि दी है और सैकड़ों लाशों को कब्रों में दफन कर मिट्टी दी है। पुलिस से लेकर आम जनता तक हमें सिरफिरा कहते हैं, जिसका हमें मलाल नहीं है। हम कौम के लिए नहीं, बल्कि देश और समाज के लिए शांति और भाईचारे का काम कर रहे हैं। हालांकि, इस काम में मरीन लाइंस स्थित बड़ा कब्रिस्तान मदद कर रहा है।