वाराणसी : चर्चित अवधेश राय हत्याकांड में सोमवार को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम ने सोमवार की दोपहर पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने एक लाख बीस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट का यह फैसला 32 वर्ष बाद आया है।

अवधेश राय पूर्व विधायक अजय राय के बड़े भाई थे। मुख्तार इस समय बांदा जेल में बंद है। सुनवाई के दौरान मुख्तार को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पेश किया गया था। वादी अजय राय पक्ष के वकील अनुज यादव ने बताया कि कोर्ट ने मुख्तार को धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है।

कोर्ट के फैसले के बाद मुख्तार के वकील अखिलेश उपाध्याय ने कहा कि इस फैसले में कई कमियां हैं। इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।

सजा सुनाए जाने से पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश मुख्तार अंसारी से पूछा गया कि अदालत द्वारा आपको दोषी करार दिया है तो आप कुछ कहना चाहेंगे।

इस पर मुख्तार अंसारी ने कहा कि वह बेगुनाह है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसकी उम्र को देखते हुए न्यूनतम सजा निर्धारित की जाए।

वहीं, अभियोजन के वकील अनुज यादव ने कहा फांसी की सजा की उम्मीद थी लेकिन हम फैसले से संतुष्ट हैं। अगर मुख्तार पक्ष हाईकोर्ट जाएगा तो हम वहां भी इसी तरह पूरी ताकत से केस लड़ेंगे।

तीन अगस्त 1991 को वर्चस्व को लेकर मारुति वैन से आए पांच हमलावरों ने अवधेश राय की स्टेनगन से अंधाधुन गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। हमला उस समय हुआ था, जब अवधेश राय मारुति जिप्सी से आकर घर के बाहर अपने भाई अजय राय के साथ खड़े थे।

इस मामले में अजय राय ने चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व राकेश न्यायिक के खिलाफ धारा 148, 149 व 302 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व कमलेश सिंह की मौत हो चुकी है। आरोपित भीम सिंह को गैंगस्टर के एक मामले में 10 वर्ष की सजा हो चुकी है, वह गाजीपुर जेल में बंद है।

आरोपित राकेश न्यायिक ने मामले में अपनी फाइल मुख्तार ने अलग करवा ली थी। उसका केस प्रयागराज सेशन कोर्ट में चल रहा है। वहीं मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या का यह पहला मामला है जिसमें उसको दोषी ठहराया गया है। वारदात के समय भी मुख्तार विधायक नहीं था और जब फैसला आया तो भी भी वह विधायक नहीं है।

मऊ में दंगे के बाद मुख्तार ने 25 अक्टूबर 2005 को गाजीपुर कोर्ट में समर्पण किया था। इसके बाद करीब 18 वर्ष से वह जेल में बंद है। सजा का आदेश अभियुक्त मुख्तार अंसारी का धारा 148 में तीन वर्ष के साधारण कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया। इसके अलावा धारा 302 व धारा 149 के तहत आजीवन कारावास व एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया।

जुर्माना अदा न करने पर अभियुक्त को छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा की अवधि में समायोजित की जाएगी।

मुख्तार अंसारी ने अदालत से मांगी न्यूनतम सजा मुख्तार अंसारी ने सजा सुनाए जाने के बाद न्यायाधीश से निवेदन किया कि उसकी जो भी सजा चल रही है उसी में उम्रकैद की सजा को भी जोड़ दिया जाए। अदालत ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत आदेश दिया जाएगा।

वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता आदित्य वर्मा ने कहा कि उनके उम्र को दृष्टिगत रखते हुए न्यूनतम सजा दी जाए। इस केस की डायरी हो गई थी गायब अवधेश राय हत्याकांड के मुकदमे की सुनवाई के दौरान मूल केस डायरी गायब हो गई थी। इसका पता पिछले साल उस समय चला जब चेतगंज थाना प्रभारी ने कोर्ट में फोटो स्टेट केस डायरी दाखिल की थी।

कोर्ट ने फोटो स्टेट दाखिल करने पर मुख्तार के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने आपत्ति जताई थी। जबकि अभियोजन ने फोटो स्टेट के आधार पर सुनवाई की मांग की थी। अभियोजन द्वारा तर्क दिया कि मूल केस डायरी को गायब कराने में मुख्तार ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया है।