डिप्टी CM बनने का सपना देख रहे थे मुकेश सहनी, पार्टी का हुआ ऐसा हाल कि न खुदा मिला..न विसाल ए सनम
बिहार विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना जारी है लेकिन खबर लिखे जाने तक जो लेटेस्ट रिजल्ट सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं। एनडीए को 200 से ज्यादा सीटों पर बढ़त मिलती हुई दिख रही है, वहीं महागठबंधन महज 36 सीटों पर ही आगे है। जनसुराज का तो खाता भी नहीं खुला है और अन्य को 6 सीटों पर बढ़त मिलती हुई दिख रही है।
VIP का हुआ बुरा हाल, नहीं खुल सका खाता
बिहार चुनाव में महागठबंधन की तरफ से डिप्टी सीएम पद का दावा ठोकने वाले मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) का बुरा हाल हुआ है। इस चुनाव में वीआईपी का खाता भी नहीं खुल सका है और खबर लिखे जाने तक उसे एक भी सीट पर बढ़त नहीं मिली। ऐसे में ये शेर कहा जा रहा है कि मुकेश सहनी को न खुदा मिला..न बिसाल ए सनम।
वीआईपी को ये उम्मीद भी नहीं थी कि इस चुनाव में उसका सूपड़ा साफ हो जाएगा। जिस पार्टी का नेता डिप्टी सीएम बनने का सपना देख रहा हो, उस पार्टी को चुनाव में एक भी सीट हासिल ना हुई हो तो ये पार्टी और उसके नेता दोनों के लिए शर्मनाक स्थिति है।
2020 में VIP को कितनी सीटें मिली थीं?
मुकेश सहनी ने साल 2018 में VIP की स्थापना की थी। इसके बाद जब साल 2020 में चुनाव हुए तो उन्होंने 4 सीटें (बोचाहा, गौरा बौराम, अलिनगर और साहेबगंज) जीतीं और चर्चा में आ गए। हालांकि साहेबगंज से वीआईपी के विधायक राजेश कुमार सिंह ने बाद में बीजेपी का दामन थाम लिया था।
एनडीए गठबंधन सरकार में मुकेश सहनी को मछलीपालन मंत्री का पद मिला था लेकिन 2022 में सरकार गिर गई और उनका मंत्री पद भी चला गया।
समय के साथ मुकेश सहनी का NDA से मोहभंग हो गया और वह महागठबंधन में आ गए। महागठबंधन में आने के बाद वह तेजस्वी यादव को अपना छोटा भाई बताने लगे और डिप्टी सीएम पद पर मजबूती से दावेदारी करने लगे। लेकिन जब चुनाव के नतीजे सामने आए तो उनकी विकासशील इंसान पार्टी चारों खाने चित हो गई और एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी।
