मुकेश दलाल, डिंपल यादव… निर्विरोध चुनाव जीतने वाले नेताओं की लंबी है लिस्ट; पेमा खांडू के नाम है दिलचस्प रिकॉर्ड

मुकेश दलाल, डिंपल यादव… निर्विरोध चुनाव जीतने वाले नेताओं की लंबी है लिस्ट; पेमा खांडू के नाम है दिलचस्प रिकॉर्ड

नई दिल्ली।  कांग्रेस ने सूरत लोकसभा सीट पर पर्चा रद होने से लेकर कई उम्मीदवारों के नाम वापस लेने की वजह से भाजपा प्रत्याशी के निर्विरोध निर्वाचित होने पर गंभीर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से सूरत का चुनाव रद कर नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है।

चुनाव आयोग ने रद किया कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन

लोकसभा चुनाव के परिणाम चार जून को आने वाले हैं। हालांकि, रिजल्ट आने से पहले ही सूरत के भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल को विजेता घोषित कर दिया गया है। दरअसल, कांग्रेस की ओर से नीलेश कुंभानी को इस लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था।

चुनाव आयोग ने उनकी उम्मीदवारी खारिज कर दिया क्योंकि जिला रिटर्निंग अधिकारी ने उनका नामांकन फॉर्म रद कर दिया। वहीं, इस सीट से अन्य सभी उम्मीदवारों ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया।

इन नेताओं ने भी हासिल की थी निर्विरोध जीत

बता दें कि लोकसभा चुनाव के इतिहास में अब तक 35 उम्मीदवार ऐसे रहे हैं, जिन्होंने निर्विरोध जीत हासिल की है।  समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने साल 2012 में कनौज लोकसभा उपचुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की थी।

इसके अलावा, वाईबी चव्हाण, फारुक अबदुल्ला, हरे कृष्ण महताब, टीटी कृष्णामाचारी, पीएम सईद सरीखे नेता भी बिना किसी मुकाबले को लोकसभा पहुंच चुके हैं।

कुछ दिनों पहले अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में दस भाजपा उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने  2014 के अरुणाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव में भी निर्विरोध जीत हासिल की थी। जून 2011 में भी पेमा खांडू ने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में मुक्तो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध उपचुनाव जीता था।

मुकेश दलाल की जीत पर भड़के राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर लिखा,”तानाशाह की असली ‘सूरत’ एक बार फिर देश के सामने है। जनता से अपना नेता चुनने का अधिकार छीन लेना बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को खत्म करने की तरफ बढ़ाया एक और कदम है। मैं एक बार फिर कह रहा हूं-यह सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, यह देश को बचाने का चुनाव है, संविधान की रक्षा का चुनाव है।”

कांग्रेस पार्टी के पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सूरत के कांग्रेस उम्मीदवार पहले कुछ घंटों के लिए गायब हो जाते हैं और फिर जब प्रकट होते हैं तो उनके चारों प्रस्तावक एक साथ पर्चा पर हस्ताक्षर होने की बात से मुकर जाते हैं। इसके बाद दूसरे दल और निर्दलीय सभी अन्य प्रत्याशी नाम वापस लेते हैं और भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल को विजेता घोषित कर दिया जाता है।

इसके पीछे जो खेल हुआ है वह सबको मालूम है और इसलिए चुनाव आयोग से पार्टी ने आग्रह किया है कि वह स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव की मर्यादा कायम रखने के लिए सूरत के चुनाव को खारिज कर फिर से चुनाव कराए।


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