भक्तों को पापों से मुक्त करती हैं मां कुष्मांडा

भक्तों को पापों से मुक्त करती हैं मां कुष्मांडा
  • सहारनपुर में चतुर्थ नवरात्र में मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना करते श्रद्धालु।

सहारनपुर। स्वामी कलेंद्रानंद महाराज ने कहा कि मां कुष्मांडा भक्तों को पापों से मुक्त करती है। श्री कालेंद्रानंद महाराज आज यहां राधा विहार स्थित सिद्धपीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पूर्व श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में आयोजित चैत्र नवरात्रि महोत्सव पूजा में चतुर्थ नवरात्रि को मां कुष्मांडा देवी का विधिवत पूजन कर महा अभिषेक किया गया और मां भगवती के श्रृंगार के उपरांत मां भगवती को भोग अर्पण किया गया और मां भगवती की भव्य आरती उतारी गई।

मां कुष्मांडा की महिमा का वर्णन करते हुए स्वामी कलेंद्रानंद महाराज ने कहा कि मां भगवती प्रकृति के प्रत्येक अंश में समाहित है। मां भगवती ही सरकार और निराकार ब्रह्म रूप भी है वही सुन क्रिया है वही स्वयं करता है सोम भगवती ही क्रिया और साधन दोनों हैं समस्त दैवीय शक्तियों में मां भगवती का ही वास है जड़ चेतन जीव जगत जीवन अर्थात प्राण में भी आदिशक्ति का ही वास है। इसलिए प्रत्येक जीव को भगवती के गुना का आदर्श अनुसरण कर अपने जीवन को पाप से मुक्त करना चाहिए।

वैज्ञानिक आधार पर भगवती की चेतन शक्ति प्रत्येक जड़ चेतन में निराकार रूप में ही वास करती है, वह केवल शरीर में एवं जगत में क्रिया करती है और जगत और जीव का संचालन करती है। इसीलिए भगवती के शाश्वत नियम अनुसार जीवन जीना चाहिए भगवती की शरण में ही जीव का कल्याण संभव है। इस अवसर पर नरेश चंदेल रमेश, शर्मा, अश्विनी काम्बोज, मेहरचंद जैन, राजेंद्र धीमान, सागर गुप्ता, मनीष गुप्ता, विभाग, किरण, बबली, बबीता, सुचेता, उमा आदि रहे।