आसुरी भाव का संहार करती है मां चंद्रघंटा: कालेंद्रानंद

आसुरी भाव का संहार करती है मां चंद्रघंटा: कालेंद्रानंद
  • सहारनपुर में मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करते श्रद्धालु।

सहारनपुर। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि मां चंद्रघंटा आसुरी भाव का संहार कर वैभव प्रदान करती है। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज आज  राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में  श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में आयोजित नवरात्रि महोत्सव अवसर पर मां भगवती की अष्टधातु की प्रतिमा का चंद्रघंटा रूप  की महिमा का वर्णन कर रहे थे।  इससे पूर्व विधिवत पूजन किया गया पंडित ऋषि शर्मा ने दुर्गा सहस्त्र नाम से मां भगवती को गुड़हल के पुष्प अर्पण कराये।

तत्पश्चात भगवती का श्रंगार कर माता को भोग अर्पण किया गया और आरती उतारी गई। स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा कि माता चंद्रघंटा पूजा करने से माता सभी शत्रु एवं आसुरी शक्तियों का संहार कर अपने भक्त को सुख वैभव प्रदान करती हैं, मां चंद्रघंटा मंत्र जाप एवं गरीबों को दान पुण्य करने से भगवती अति प्रसन्न होती है। उन्होंने कहा मां चंद्रघंटा का नियमित जाप करने से एक अद्भुत ऊर्जा का सृजन होता है जिसे जीव के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है और निरंतर उसकी मां शुद्धता में रमण कर माता की भक्ति में लगा रहता है अर्थात भगवती की उपासना करने से जीव का मन शांत रहता है और उसे अद्भुत शक्ति प्राप्त होती है। इस अवसर पर रमेश चंद्र शर्मा, मेहरचंद जैन, राकेश राय, संजय राणा, सागर गुप्ता, बबीता, सुचेता, राजबाला, कुसुम, रेखा, पूजा, कविता आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।