दिल्ली में एक लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगी नौकरी, मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया प्लान
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दिल्ली में उद्योगों को किस तरीके से बढ़ावा दिया जाएगा? लोगों को रोजगार दिए जाने की क्या योजना है?
दिल्ली में उद्योगों को लगाने के लिए 1200 एकड़ जमीन खाली पड़ी है। मगर केजरीवाल सरकार ने इस पर काम नहीं किया। इस जमीन पर उद्योग लगाने से लेकर उन्हें शुरू करने तक हजारों लोगों को रोजगार दिया जा सकता था। इस भूमि का उपयोग कर उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा। इस दिशा में काम शुरू हो गया है। इससे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों की परेशानी दूर करने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी?
दिल्ली विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी कैसे बन गई? समाधान क्यों नहीं हो रहा?
देखिए, बात काम करने की इच्छा शक्ति की है। 11 वर्षों तक तक सत्ता में रहे अरविंद केजरीवाल व उनके मंत्रियों ने सिर्फ बयानबाजी की। प्रदूषण रोकथाम के लिए काम नहीं किया गया। क्षतिग्रस्त सड़कों व फुटपाथ से धूल उड़ रही है। केंद्र सरकार द्वारा दिए गए फंड का सदुपयोग नहीं हुआ।
दिल्ली की हवा साफ करने के लिए भाजपा सरकार अब क्या कदम उठाएगी?
प्रदूषण के चार मुख्य कारक हैं। पहला वाहनों का धुआं, दूसरा निर्माण कार्य से उड़ने वाली धूल, तीसरा सड़कों पर उड़ने वाली धूल और चौथा उद्योगों से फैलने वाला प्रदूषण। इन कारकों के रोकथाम को सरकार काम कर रही है।
वाहनों से होने वाले प्रदूषण का क्या समाधान है?
सड़कों पर निजी वाहनों की भीड़ कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। आयु पूरी कर चुके पुराने वाहनों को सड़कों पर चलने से रोका जाएगा।सभी पेट्रोल पंप पर आवेग सिस्टम लगाया जा रहा है। इससे पुराने वाहनों की पहचान कर उन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा। दूसरे राज्यों से आकर दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को भी रोका जाएगा।
प्रदूषण रोकथाम के लिए क्या कोई अध्ययन हुआ है, जिसे लेकर सरकार आगे बढ़ रही है?
दिल्ली के प्रदूषण को लेकर बहुत सारे अध्ययन हो चुके हैं। कई और अध्ययन करने की जरूरत है जिसमें कृत्रिम वर्षा भी शामिल है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कृत्रिम वर्षा से प्रदूषण रोका जा सकता है।
दिल्ली में प्रदूषण निगरानी की व्यवस्था कितनी कारगर है?
मेरा मानना है कि इसमें अभी और सुधार की आवश्यकता है। निगरानी केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी। किसी एक स्थान के आधार पर पूरी दिल्ली का समाधान नहीं हो सकता है। अलग-अलग स्थान की समस्या भी अलग है।
प्रदूषण रोकथाम में ग्रेप कितना प्रभावी कदम है?
कई विशेषज्ञ इसे लागू करने पर प्रश्न उठाते हैं। आम नागरिकों को भी परेशानी होती है। -देखिए, यह ऐसे सवाल है जिनके जवाब घंटों में नहीं दिए जा सकते हैं। दो-चार माह बाद इसका जवाब दे सकेंगे। एक दो दिनों में प्रदूषण कम नहीं किया जा सकता है। अल्पकालीन व दीर्घकालीन योजना बनाकर काम करना होगा।मेरा मानना है जहां-जहां से प्रदूषण पैदा हो रहा है उसको वहीं पर रोका जाए। निर्माण कार्य वाले स्थलों पर, ऊंची इमारतों पर प्रदूषण रोकथाम के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। निर्माण कार्य में प्रदूषण रोकथाम के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। ऊंची इमारतो पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य किया जाएगा।
एनसीआर के अन्य शहरों से भी दिल्ली की हवा खराब हो रही है। इसे कैसे रोकेंगे?
पहले तो हमें दिल्ली की व्यवस्था ठीक करनी होगी। दिल्ली में प्रदूषण के कारकों को रोकना होगा। उसके बाद पड़ोसी राज्यों से बात करेंगे। इसके लिए सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है।दिल्ली में पौधारोपण को लेकर एक समस्या जमीन की है। परियोजनाओं से पेड़ स्थानांतरित करने के लिए दिल्ली में भूमि नहीं मिल रही है। कई बार पड़ोसी राज्य में भूमि दी जाती है। इसका क्या समाधान है?
भूमि की कोई समस्या नहीं है। दिल्ली सरकार के पास पर्याप्त जमीन है जहां पर पेड़ लगाए जा सकते हैं। बड़े स्तर पर पौधारोपण अभियान चलेगा। आम नागरिकों को भी इसके साथ जोड़ा जाएगा जिससे कि दिल्ली में हरित क्षेत्र बढ़ सके।
दिल्ली सरकार की कई ऐसी परियोजनाएं हैं जिनके बीच में आ रहे वृक्षों को हटाने की अनुमति नहीं मिली है। इस बाधा को कैसे दूर करेंगे?
कुछ मामलों में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश हैं। इन सब चीजों पर हम अध्ययन कर रहे हैं। पूरी जानकारी लेने के बाद आगे बढ़ा जाएगा। अदालत में इसे लेकर सरकार अपना पक्ष रखेगी।
कई वर्षों दिल्ली में लोगों के राशन कार्ड नहीं बन रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा कोटा भी नहीं बढ़ाया गया है?
जहां तक मुझे जानकारी है कि दिल्ली का कोटा पूरा हो चुका है। इसे बढ़ाने को लेकर अभी कोई जवाब नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि यह पूरे देश का मामला है। बांग्लादेशियों और रोहिंग्या सहित अन्य फर्जी राशन कार्ड की पहचान कर उसे निरस्त किया जाएगा। पात्र के राशन कार्ड बनाए जाएंगे।